बिहार पंचायत चुनाव : उम्मीदवारों को ये नियम जानना ज़रूरी है
नामांकन प्रपत्र में जरा सी चूक से आवेदन को रद्द किया जा सकता है। उम्मीदवारों को नामांकन से पहले चुनाव नियमावली को जानना बेहद आवश्यक है।
पटना:
बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की डुगडुगी बज गई है। पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है। अधिसूचना के अनुसार चुनाव 11 चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण का मतदान 24 सितंबर को होगा और 12 दिसंबर को आखिरी चरण का मतदान किया जाएगा।
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अंतिम चरणों में मतदान होंगे। बिहार सरकार के अनुसार अभी 16 जिले बाढ़ प्रभावित हैं ।
- पंचायत चुनाव में पहली बार उम्मीदवार ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन आवेदन भी कर सकेंगे। नामांकन के लिए निर्धारित शुल्क राशि का भुगतान भी ऑफलाइन/ऑनलाइन दोनों तरीके से किया जा सकेगा। चुनावी खर्च का भुगतान भी ऑनलाइन हो सकेगा। चुनावी गतिविधियों जैसे रैली व सभा के लिए भी ऑनलाइन आवेदन की सुविधा होगी।
- पंचायत चुनाव में भाग लेने के लिए उम्मीदवारों को नाम-निर्देशन प्रपत्र में शपथ पत्र देना होगा। शपथ पत्र को निर्धारित शुल्क रसीद के साथ सहायक निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष नामांकन के समय जमा करना होगा । नामांकन के लिए अभ्यार्थी की उम्र 21 वर्ष पूर्ण होनी चाहिए जिसकी गणना संवीक्षा के प्रथम दिन की तिथि के अनुसार होती है।
आवेदन में एक भी ग़लत जानकारी आपके नामांकन को रद्द कर सकती है :
- पंचायत चुनाव में पंच सदस्य एवं वार्ड सदस्य निर्वाचन के उम्मीदवार उसी क्षेत्र के होने चाहिए, जिस वार्ड में वह नामांकन करेंगे। जबकि सरपंच, मुखिया एवम् पंचायत समिति के उम्मीदवार उस प्रखंड के किसी भी पंचायत के हो सकते है।
- जिला परिषद का चुनाव लड़ने के लिए जिले के किसी क्षेत्र के उम्मीदवार नामांकन कर सकते है ।
- वैसे व्यक्ति जो वेतनभोगी या मानदेय पर कार्यरत है, निर्वाचन में भाग नहीं लेंगे ।
- आंगनवाड़ी सेविका ,आंगनबाड़ी सहायिका ,लोक अभियोजक तथा सरकारी वकील चुनाव लड़ने के पात्र नहीं होंगे और न ही वे प्रत्याशी के प्रस्तावक बन सकते हैं ।
किसी भी महिला की जाति का निर्धारण उसके पिता की जाति से होता है, न कि पति के जाति से
- विवाहित महिला, जिसके पिता का घर नेपाल है, परंतु विवाह के बाद संबंधित महिला ने भारत की नागरिकता ग्रहण कर ली है वह बिहार में पंचायत चुनाव तो लड़ सकती है, लेकिन नेपाल से जारी जाति प्रमाण पत्र पर आरक्षण का दावा नहीं कर सकती है।
- कमीशन पर कार्यरत जैसे जन वितरण प्रणाली विक्रेता, आशा कार्यकर्ता या सेवानिवृत व्यक्ति चुनाव में भाग ले सकते हैं।
- दो से अधिक संतान वाले भी चुनाव लड़ सकेंगे।
- कोविड का टीका नहीं लेने वाले भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वोट डाल सकेंगे।
नामांकन से लेकर परिणाम आने तक खर्च की पाई-पाई का हिसाब उम्मीदवारों को रखना होगा। चुनाव परिणाम आने के 15 दिनों के अंदर निर्धारित फाॅर्मेट में अपने खर्च का ब्योरा अपने निर्वाची पदाधिकारी को सौंपना होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के खर्च की सीमा निर्धारित कर दी है।
- ग्राम पंचायत / पंच – 20,000/- रुपए
- पंचायत समिति – 30,000/- रुपए
- मुखिया / सरपंच – 40,000/- रुपए
- जिला परिषद – 100000/- रुपए