सीआरपीएफ मुख्यालय में शहीद जवानों की याद में मनाया शौर्य दिवस
गया । 159 बटालियन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने जेल परिसर स्थित अपने मुख्यालय में शौर्य दिवस मनाया। इस अवसर पर सीआरपीएफ कमांडेंट कुमार मयंक क्वार्टर गार्ड पर सलामी ली तथा शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।इस मौके पर कमांडेंट कुमार मयंक ने बताया कि सीआरपीएफ के लिए 9 अप्रैल का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि आज के दिन 9 अप्रैल 1965 को पाकिस्तान की एक इन्फेंट्री ब्रिगेड लगभग 3000 सैनिक ने गुजरात के कच्छ में बनी सरदार पोस्ट पर तैनात सीआरपीएफ की एक महज कंपनी पर हमला कर दिया था। कम संख्या होने के बावजूद भी सीआरपीएफ में बहादुर के साथ लड़ते हुए दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया तथा उनके मंसूबे पर पानी फेरते हुए पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। सीआरपीएफ के जवानों नेतृत्व दृढ़ता और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तानी ब्रिगेड के 34 जवानों को मार गिराया 4 जवानों को जिंदा पकड़ लिया था। इस कार्यवाही में सीआरपीएफ के 8 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे तथा 19 पाकिस्तानी सेना द्वारा बंदी बना लिए गए थे। सैनिक लड़ाई के इतिहास में अद्वितीय पराक्रम एवं वीरता को दर्शाता है। जिसमें सीआरपीएफ की छोटी सी टुकड़ी ने पाकिस्तानी ब्रिगेड के नियोजित आक्रमण को निष्फल कर दिया था। तभी से इस दिन पूरे भारत में शौर्य दिवस के रुप में मनाया जाता है इस अवसर पर सीआरपीएफ के साथ सभी राज्यों के पुलिस तथा अर्धसैनिक बल के जवानों उन वीरों की वीर गाथा को याद करके गौरवान्वित होते हैं उन जवानों की शहादत को कभी नहीं भुलाया जा सकता। कमांडेंट कुमार मयंक ने बताया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल विश्व का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात रहकर बाहरी आंतरिक दोनों समस्याओं से डटकर मुकाबला कर रही है 159 बटालियन केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के भूमिका के बारे में उन्होंने बताया कि माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से हमारे इलाके में माओवादियों का वर्चस्व काफी कम हुआ और अपनी जान बचाने की फिराक में इधर उधर भाग रहे हैं। नक्सल विरोधी अभियान के अलावे सीआरपीएफ के द्वारा सुदूरवर्ती इलाकों में कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है जिसके कारण काफी संख्या में लोग मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। इस मौके पर द्वितीय कमान अधिकारी लोकेश गौतम, डिप्टी कमांडेंट अमिताभ कृष्ण, डिप्टी कमांडेंट उत्तम कुमार, सुबेदार मेजर पीएस राय सहित अधिकारी व जवान मौजूद थे।