पुणे रोडरेज केस: “मैं शराबी हूँ..मुझे गाड़ी चलानी नहीं आती..जानते हुए पापा ने दी गाड़ी” नाबालिग का कबूलनामा

पुणे रोडरेज केस के आरोपी नाबालिग को जमानत मिली है, इस पर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इसी बीच आरोपी के कबूलनामे ने उसके पिता को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है.

पुणे रोडरेज केस: “मैं शराबी हूँ..मुझे गाड़ी चलानी नहीं आती..जानते हुए पापा ने दी गाड़ी” नाबालिग का कबूलनामा

पुणे रोडरेज केस में आरोपी नाबालिग के एक कबूलनामे से उसके बिल्डर पिता सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं. पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह शराब पीने का आदी है. उसे ठीक से कार चलाने भी नहीं आती है. इस बात की जानकारी उसके पिता को थी, लेकिन फिर भी उन्होंने पार्टी में जाने के लिए अपनी पोर्श कार उसे दे दी.

पुणे रोडरेज का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जबसे आरोपी नाबालिग को जमानत मिली है, इस पर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इसी बीच आरोपी के कबूलनामे ने उसके पिता को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. दरअसल, नाबालिग ने बताया कि उसने 12वीं की परीक्षा पास की थी और दोस्तों संग पार्टी करना चाहता था. यह बात उसने अपने पिता को बताई. पिता ने ही पार्टी में जाने के लिए उसे अपनी पोर्श कार दी थी. पिता को इस बात की जानकारी थी कि उसे शराब पीने की आदत है और अभी सही से कार भी नहीं चला पाता है.

घटना बीते शनिवार की है. पुणे के नामी बिल्डर विशाल अग्रवाल के नाबालिग बेटे ने IT इंजीनियर्स युवक-युवती को टक्कर मार दी थी. दोनों बाइक से थे. टक्कर के बाद दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी. हादसे के समय नाबालिग शराब के नशे में धुत था और 200 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से अपने पिता की पोर्श कार चला रहा था. हादसे में अपनी जान गंवाने वाले अनीश अवधिया मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बिरसिंहपुर और युवती अश्विनी कोष्टा जबलपुर की रहने वाली थी.

15 घंटे के अंदर आरोपी को मिल गई थी जमानत

हादसे के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने आरोपी नाबालिग को पकड़कर जमकर पिटाई की थी और पुलिस के हवाले कर दिया था, लेकिन 15 घंटे के अंदर ही कोर्ट ने आरोपी को कुछ शर्तों पर जमानत दे दी थी, जिसके बाद तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे थे.

  • आरोपी को 15 दिनों तक यरवदा डिवीजन में ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए पुलिस की मदद करनी होगी. साथ ही यातायात जागरूकता बोर्ड का रंग-रोगन कराना होगा.
  • चूंकि आरोपी शराब के नशे का आदी था तो उसे मनोचिकित्सक के पास जाकर अपना इलाज कराना होगा.
  • यदि आरोपी भविष्य में कोई दुर्घटना देखता है तो उसे सबसे पहले दुर्घटना के पीड़ितों पर विचार करना होगा.
  • आरोपी को सड़क दुर्घटनाएं और उनके समाधान के विषय पर कम से कम 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा.

हालांकि, कोर्ट से जमानत मिलने से पूर्व पुलिस ने आरोपी से हादसे को लेकर पूछताछ की थी, जिसमें आरोपी ने कई चौंकने वाली बात बताई थी. नाबालिग आरोपी ने पुलिस को जो बताया उसके मुताबिक, “12वीं की परीक्षा पास करने के बाद पिता ने ही उसे दोस्तों संग पब में पार्टी करने की इजाजत दी थी. उसने कार चलाने की ट्रेनिंग भी ठीक से नहीं ली थी. फिर भी पिता ने उसे पार्टी में जाने के लिए अपनी पोर्श कार दी. उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है. पिता को इस बात की भी जानकारी थी कि वह शराब पीता है.”

आरोपी बेटे के इस कबूलनाम के बाद से पिता विशाल अग्रवाल फरार थे, जिन्हें मंगलवार को पुलिस ने संभाजीनगर से गिरफ्तार कर लिया. वहीं नाबालिग को बार और पब में एंट्री देने को लेकर प्रल्हाद भुटाडा, मैनेजर सचिन काटकर, होटल ब्लैक के मालिक संदीप सांगले, बार मैनेजर जयेश बोनकर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.

CCTV फुटेज से पता चला हादसे से पहले आरोपी पब में था

इस बीच, शनिवार को दुर्घटना होने से कुछ समय पहले नाबालिग और उसके दोस्त पुणे के एक प्रसिद्ध पब में गए थे, जिसका सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. करीब 30 सेकंड के वीडियो में देखा जा सकता है कि एक टेबल पर 4-5 लोग बैठे नजर आ रहे हैं. सामने टेबल पर कई गिलास, शराब की बोतलें और ड्रिंक्स नजर आ रही हैं. थोड़ी देर बाद वो लोग उठकर बाहर जाते नजर आते हैं.

200 किमी की रफ्तार से चल रही थी कार

इस हादसे का भी CCTV फुटेज सामने आया है. फुटेज से साफ दिख रहा है कि हादसे के वक्त नाबालिग आरोपी कार चला रहा था. उसकी कार की स्पीड 200 किमी प्रति घंटे की थी. उसने अपने पिता की जिस पोर्श कार से बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी, वह बिना रजिस्ट्रेशन के सड़क पर दौड़ रही थी. यह चौंकाने वाली जानकारी RTO से सामने आई है. कार को अस्थायी रूप से बैंगलोर में पंजीकृत किया गया था और पुणे लाया गया था. पुणे के RTO कार्यालय में इस कार की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं हुई है. पुलिस ने बताया था कि आरोपी नाबालिग का अल्कोहल टेस्ट नेगेटिव आया है. फिर आरोपी की शराब पीते सीसीटीवी फुटेज और ये रिपोर्ट पुलिस जांच पर सवालिया निशान खड़े कर रही है.