जीबीएम कॉलेज में अंबेडकर जयंती के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

जीबीएम कॉलेज में अंबेडकर जयंती के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

जीबीएम कॉलेज में अंबेडकर जयंती के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

गया। गौतम बुद्ध महिला कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ सहदेब बाउरी के संरक्षण एवं एनएसएस पदाधिकारी डॉ प्रियंका कुमारी के निर्देशन में डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर एक दिवसीय संंगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन द्वारा किया गया। तत्पश्चात बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी। प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. सहदेब बाउरी, डॉ अफशां सुरैया, डॉ प्यारे माँझी, डॉ शुचि सिन्हा आदि ने अंबेडकर की जीवनी और मानवतावादी विचारों पर प्रकाश डाला। डॉ सहदेब बाउरी ने कहा कि अंबेडकर ने श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का पुरजोर समर्थन किया था। डॉ प्रियंका कुमारी ने बाबा साहेब को भारतीय संविधान का जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक बतलाया। डॉ शुचि सिन्हा ने भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहेब की भूमिका पर सारगर्भित विचार रखे। प्रो सुरैया ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने छूआछूत के विरुद्ध व्यापक आंदोलन चलाया। डॉ माँझी ने महिलाओं के हित में अंबेडकर के विचारों की भूमिका पर विचार रखे।

कॉलेज की पीआरओ डॉ रश्मि प्रियदर्शनी ने बतलाया कि संगोष्ठी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को भारतीय संविधान की खूबसूरती से अवगत कराना था। साथ ही, भारत के अतीत, वर्तमान एवं भविष्य को सजाने, सँवारने एवं निर्धारित करने में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के महत्वपूर्ण योगदान से परिचित करवाना था। कॉलेज की एनएसएस इकाई द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी में कॉलेज की छात्राओं ने भी बढ़चढ़कर कर भाग लिया। छात्रा गीतांजलि एवं त्रिशला ने भी अपने विचार रखे। डॉ जया चौधरी ने अंबेडकर को दलितों का मसीहा बताया। कार्यक्रम में डॉ जया चौधरी, डॉ अमृता कुमारी घोष, प्रीति शेखर, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ सुरबाला कृष्णा, डॉ आशुतोष कुमार पांडेय, डॉ फातिमा, डॉ वीणा कुमारी जायसवाल के अलावा उषा, रिया, अश्विनी, सपना, अनीषा, दीपा, अनुष्का आदि अनेक छात्राओं एवं स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रियंका कुमारी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ जया चौधरी ने किया।