झाविमो का महागठबंधन से समर्थन वापसी का ऐलान, विधायक दल के नेता पद से प्रदीप की छुट्टी
रांची : झारखंड विकास मोर्चा के प्रधान सचिव अभय सिंह ने कहा की पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के द्वारा हेमंत सरकार को दिया गया समर्थन वापसी का फैसला झारखंड की जनता के लिए साहसिक निर्णय है।
यह सरकार के सहयोगी कांग्रेस के द्वारा मंत्रिमंडल की लोलुपता ने जग जाहिर कर दिया। आज महीने बीत जाने के बाद भी यह सरकार मंत्रिमंडल का विस्तार नही कर सकी ,यह सरकार की चाबी दिल्ली के कांग्रेस आलाकमान के पास है|
आगे उन्होंने कहा की कल के मंत्रिमंडल विस्तार की तिथि तय हो जाने के बाद अचानक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा राज्यपाल के यहाँ जाकर मंत्रिमंडल के विस्तार कार्यक्रम को रूकवा देना यह पूरे सवा तीन करोड़ झारखंड की जनता को प्रमाणित हो गया कि हेमंत सोरेन केवल कठपुतली है। इस सरकार का रिमोट कंट्रोल सोनिया गांधी, राहुल गांधी के पास है। जिस सरकार के मुख्यमंत्री को अपने मंत्रिमंडल बनाने का अधिकार न हो वह सरकार अल्पकाल अवस्था में है। यह सरकार जल्द ही वेंटिलेटर में पहुँचेगी ।
कांग्रेस जिस तरह झाविमो के विधायक को तोड़ने का प्रयास कर रही है ऐसी परिस्थिति में इस सरकार के साथ रहना बिल्कुल ही उचित नही है ।
विधायक दल के नेता पद से प्रदीप यादव की छुट्टी
जेवीएम की तरफ से एक और चिट्ठी विधानसभा अध्यक्ष को लिखी गयी है. चिट्ठी में प्रदीप यादव से विधायक दल का नेता का पद वापस लिये जाने की बात लिखी है। हालांकि पार्टी ने अभी तक प्रदीप यादव को पार्टी से बाहर नहीं निकाला है।
मांडर विधायक बंधु तिर्की को झाविमो पहले ही पार्टी से निष्कासित कर चुकी है।
मांडर विधायक बंधु तिर्की को पहले ही बाहर कर दिया है। पार्टी से बाहर किये जाने के बाद बंधु तिर्की और प्रदीप यादव दोनों ने इस बात का विरोध किया था। 23 तारीख को दोनों विधायक दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिले। जिससे यह साफ हो गया कि दोनों विधायक कांग्रेस में शामिल होनेवाले हैं। इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद जेवीएम का बीजेपी में विलय का रास्ता साफ होता दिख रहा है।