बशीर अहमद राइटर भी और फाइटर भी थे ।

बशीर अहमद को प्यार से झारखंड की जनता "मुन्ना भाई" के रूप में जानते थे।मुन्ना भाई अपने मेहनत के बल पर ही अपनी पहचान बनाए ।

बशीर अहमद राइटर भी और फाइटर भी थे ।

झारखंड आंदोलनकारी ,पत्रकार, कार्टूनिस्ट और कम्युनिस्ट नेता बसीर अहमद की स्मृति में अंजुमन इस्लामिया सभागार ,मेन रोड रांची में श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर भावभिन्नी श्रद्वांजलि आर्पित किया गया । स्मृती सभा की शुरुआत आंदोलनकारी बशीर अहमद जी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया। श्रद्धांजली सभा की अध्यक्षता करते हुए भाकपा माले राज सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि लोकतांत्रिक आंदोलनों के
लिए बड़ी क्षति है। बशीर अहमद सांप्रदायिक सद्भाव और साझी विरासत के प्रतिक पुरूष थे। बशीर अहमद धर्म और जाति के दायरे से ऊपर सबके प्रिय थे। झारखंड के आदिवासी और गरीबों के बीच ज्यादा जुड़ाव था। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा – बशीर अहमद को प्यार से झारखंड की जनता “मुन्ना भाई” के रूप में जानते थे।मुन्ना भाई अपने मेहनत के बल पर ही अपनी पहचान बनाए ।झारखंड आंदोलन में अग्रिम भूमिका निभाने के साथ ही वे एक साथ आंदोलनकारी, पत्रकार ,कार्टूनिस्ट और कम्युनिस्ट नेता भी थे। राइटर भी और फाइटर भी थे। वे हमेशा विस्थापित विपक्षी और सेक्युलर ताकतों के बीच एकता के पैरोकार थे और हमेशा इनकी एकजुटता के लिए चिंतित रहते थे। इंसानियत का दूसरा नाम बशीर है ।आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष प्रेमचंद मुर्मू ने कहा कि बशीर अहमद बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे।

झारखंड के जंगल जमीन की रक्षा के लिए जारी हर आंदोलन में बशीर अहमद जी हमेशा जिन्दा रहेगें।आदिवासी सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य रतन तिर्की ने कहा कि बशीर अहमद जी का असमय जाना बेहद दुखदाई है । झारखंड के आंदोलनकारियों और चर्चित नामचीन हस्तियों को राजकीय सम्मान नहीं मिलना झारखंड के लिए दुर्भाग्य है ।आंदोलनकारियों को सिर्फ राजकीय ही नहीं राष्ट्रीय सम्मान मिलना चाहिए ।बशीर जी इसके हकदार हैं। आज के दौर में बशीर जी को याद करने का मतलब संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करना भी है। श्रद्धांजलि सभा को माले केंद्रीय कमेटी सदस्य शुभेंदु सेन, सामाजिक कार्यकर्ता वआदिवासी मूलवासी अधिकार मंच की नेता दयामणि बारला हॉपमेन अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष महेंद्र पीटर राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड से सम्मानित फिल्मकार श्रीप्रकाश, पत्रकार सहरोज कमर ,लक्ष्मीनारायण सिंह मुंडा ,मुफ्ती अब्दुल्लाह अजहर, झामुमो के प्रदेश प्रवक्ता एजाज खान माकपा के राज्य सचिव मंडल के सदस्य प्रकाश विप्लव भाजपा के जिला सचिव अजय सिंह ,मासस के सुशांत मुखर्जी जी के सहोदर भाई मोहम्मद चांद जेपी आंदोलनकारी वरुण कुमार ,एआइपीएफ नेता नदीम खान , अनीता मोहन दत्ता भुवनेश्वर केवट सामाजिक कार्यकर्ता पावेल कुमार संस्कृति कर्मी इस्तेखार अहमद मिथिलेश तिवारी , मुस्लिम मजलिस ए उलेमा के मुफ्ती अब्दुल्लाह अजहर,महावीर मुंडा छात्र नेता सोहेल राम कुमार पठान तंजीम के वारिस खान आदि ने मुख्य रूप से संबोधित किया। बशीर जी के श्रद्धांजलि सभा के लिए कई आंदोलनकारी सामाजिक राजनीतिक नेताओं ने अपना शोक संदेश भेजा। देश के चर्चित अर्थशास्त्री और भोजन का अधिकार अभियान के समाजिक कार्यकर्त्ता ज्यां द्रेज,झारखंड आंदोलनकारी सूरज सिंह बेसरा, साहित्य कर्मी हुसैन कच्छी ,फिल्मकार मेघनाथ, गोंडा से डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह गुमला से सज्जाद अनुवाद कोडरमा से अनिल बर्नवाल जमशेदपुर से संजय लाकड़ा लोहरदगा से कयूम खान, रांची से डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो, रवि नंदी, पुष्कर महतो, दिवाकर साहू समेत कई ने शोक संदेश भेजा।