सामाजिक दायित्वों के प्रति समर्पित है “गूंज”आपदा की घड़ी में गरीबों के हमदर्द के रूप में खड़ी है संस्था

रांची : आपदा की इस घड़ी में गरीबों के मसीहा के रूप में खड़ी है स्वयंसेवी संस्था “गूंज”। वैश्विक महामारी “कोरोना” से बचाव के मद्देनजर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान खासकर गरीबों को हो रही परेशानियों को देखते हुए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं व सामाजिक कार्यकर्ता अपने-अपने स्तर से राहत कार्य में जुटे हैं। वहीं,
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय स्तर की ख्यातिप्राप्त स्वयंसेवी संस्था “गूंज” की ओर से देश के विभिन्न राज्यों में पीड़ित मानवता के सेवार्थ राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। इस संबंध में “गूंज” के झारखंड-उड़ीसा राज्य समन्वयक सुरेश कुमार ने बताया कि लाॅकडाउन शुरू होने के बाद से झारखंड की राजधानी रांची शहरी क्षेत्र स्थित स्लम एरिया के अलावा मूलभूत सुविधाओं से वंचित सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों को चिन्हित कर उन्हें खाद्यान्न व अन्य जरूरी सामग्री मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से खासकर भोजन से वंचित गरीबों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। “गूंज” के संस्थापक निदेशक व रैमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित अंशु गुप्ता के निर्देशानुसार संस्था पीड़ितों की सेवा के प्रति समर्पित है। आपदा के समय पीड़ित परिवारों, जरूरतमंदों व बेघर, बेसहारा गरीबों को विशेष रुप से राहत पहुंचाने के प्रति संस्था प्रतिबद्ध है। श्री कुमार ने बताया कि इस समय वैश्विक आपदा (कोरोनावायरस संक्रमण काल) से प्रभावित विशेषकर गरीब परिवारों को राहत कार्य मुहैया कराना सबसे बड़ा मानव धर्म है। इसके तहत संस्था अपने समर्पित कार्यकर्ताओं के सहयोग से पीड़ित परिवारों के पास पहुंच कर उन्हें राशन व अन्य जरूरी सामान उपलब्ध करा रही है। उन्होंने बताया कि इस क्रम में पूर्वी सिंहभूम जिले के बोड़ाम व पटमदा प्रखंड के विभिन्न गांव, रांची जिले के सिल्ली- मुरी प्रखंड अंतर्गत कई गांवों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के पीड़ित परिवारों के बीच खाद्यान्न सहित अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री का वितरण किया गया। यह सिलसिला लाॅकडाउन की अवधि तक जारी रहेगा।
गौरतलब है कि स्वयंसेवी संस्था के रूप में “गूंज” की स्थापना प्रख्यात समाजसेवी अंशु गुप्ता द्वारा वर्ष 1999 में की गई। यह संस्था ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने, पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण विकास, ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने, आपदा राहत में आगे आकर लोगों की सहायता करने सहित पीड़ित मानवता की सेवा के तहत अन्य कार्यों को धरातल पर उतारने में जुटी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण उद्यमिता विकास आदि के क्षेत्र में संस्था की ओर से कई ऐसे उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं, जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। “गूंज” के संस्थापक अंशु गुप्ता को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के अलावा वर्ष 2019 में बेस्ट सीईओ अवार्ड से भी नवाजा गया। इसके अतिरिक्त श्री गुप्ता को इंडिया एनजीओ ऑफ द ईयर अवार्ड दिया गया। ग्रामीण उद्यमिता के विकास और उत्थान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्रिका फोर्ब्स ने भी इन्हें सराहा और सम्मानित किया। भारत के सबसे शक्तिशाली ग्रामीण उद्यमी के रूप में अंशु गुप्ता को फोर्ब्स पत्रिका ने सम्मानित किया। इनोवेशन ऑफ इंडिया अवार्ड से भी श्री गुप्ता नवाजे गए हैं। इसके अतिरिक्त देश के दर्जनाधिक नामचीन संस्थाओं द्वारा समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए अंशु गुप्ता को सम्मानित व पुरस्कृत किया गया है। सामाजिक दायित्वों के कार्यों के प्रति संस्था का समर्पण अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के लिए प्रेरणास्रोत और अनुकरणीय है।