डालमिया आवास पर धूमधाम से मनाई राधारानी जन्मोत्सव
शहर केपी रोड स्थित डालमिया आवास पर अरुण बेला में वृषभान दुलारी राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया गया.विभिन्न योग संयोगों के बीच राधाअष्टमी पर पंचामृत अभिषेक के साथ ही विशेष पालना झांकियां सजाई गई आभूषण
गया । शहर केपी रोड स्थित डालमिया आवास पर अरुण बेला में वृषभान दुलारी राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया गया.विभिन्न योग संयोगों के बीच राधाअष्टमी पर पंचामृत अभिषेक के साथ ही विशेष पालना झांकियां सजाई गई और भक्तों ने राधा रानी के चरणों के दर्शन किए.कार्यक्रम के आयोजक शिव अरूण डालमिया ऋतु डालमिया, प्रिया डालमिया की देखरेख में किया गया.मौके पर पुजारी जी ने बताया कि आज दूध, दही, घी,शहद से तैयार पंचामृत से राधा रानी का अभिषेक किया गया. इसके बाद नवीन पोशाक धारण कराकर विशेष आभूषण धारण कराए गए. साथ ही राधारानी को प्रिय पंजीरी, लड्डू, पेड़ा,परवल मिठाई,मावे की बर्फी का भोग लगाया गया.यहां धूप झांकी खुलने पर अधिवास पूजन किया और छप्पन भोग की झांकी सजाई गई,जबकि श्रृंगार आरती के बाद राधारानी को कपड़े,फल, टॉफी,सहित अन्य सामान अर्पित कर भक्तों में उछाल की गई। पुरानी मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में खुद माता लक्ष्मी ने राधा रानी का अवतार धारण किया था.जब वृषभान जी यज्ञ के लिए जमीन साफ कर रहे थे, इसी दौरान राधा रानी उन्हें जमीन से नवजात बच्ची के रूप में मिलीं. उनका अवतरण भगवान श्री कृष्ण के जन्म से पहले हुआ था. इस दिन से चरणों के दर्शन की परंपरा चली आ रही है,क्योंकि जब भगवान बाल रूप में अवतरित होते हैं, तो सबसे पहले चरणों के दर्शन किए जाते हैं. इसी तरह राधा रानी के जन्मोत्सव के दिन उनका बाल स्वरूप मानते हुए, साल में एक बार उनके चरणों के दर्शन किए जाते हैं.कई जगह पर राधा अष्टमी के अवसर पर कार्यक्रम और महोत्सव भी आयोजित किए जा रहे हैं,जिसमें राधा-कृष्ण की लीलाओं का मंचन किया जा रहा है। इसके साथ ही, अनेक सामाजिक संगठनों द्वारा गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र वितरित किए जा रहे हैं।इस दिन का महत्व राधा-कृष्ण की अटूट प्रेम की कहानी में छिपा है. भक्तों का मानना है कि इस दिन उपासना करने से जीवन में सुख-शांति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है.राधा अष्टमी के इस पावन अवसर पर सभी को राधारानी की कृपा और आशीर्वाद मिले, यही कामना है।