ग़रीबों का निवाला रात के अंधेरे में किया गया आग के हवाले
एक ओर जहां लोग दाने-दाने के लिए तरस रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गरीबों को रियायती दर पर मिलने वाला सैकड़ों बोरी अनाज आग के हवाले कर दिया गया.
अमरेंद्र सिंह (गया )
कोरोना महामारी के इस काल में गरीबों और मजदूरों को पेट भरना बहुत मुश्किल हो गया है, एक ओर जहां लोग दाने-दाने के लिए तरस रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गरीबों को रियायती दर पर मिलने वाला सैकड़ों बोरी अनाज आग के हवाले कर दिया गया. प्रखंड मुख्यालय से लगभग चार किमी उत्तर कासा बांध के निकट सड़क से थोड़ा हटकर सैकड़ों बोरी गेहूं और चावल फेंका हुआ पाया गया। फेंका गया अनाज सड़ा हुआ था, जिसे जलाने का प्रयास किया गया था। इतने अधिक अनाज फेंके जाने से ग्रामीणों में रोष है। फेंके गए अनाज के संबंध में पड़ताल करने पर पता चला कि डुमरिया गोदाम के गोदाम मैनेजर के द्वारा अनाज फेंका गया है। इस संबंध में गोदाम मैनेजर विष्णुदेव कुमार ने बताया कि गोदाम में लंबे समय से सड़ा हुआ खराब अनाज पड़ा हुआ था जिसे डुमरिया अंचलाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों के आदेश से गोदाम की सफाई करके सड़ा हुआ खराब अनाज फेंका गया है। अंचलाधिकारी अरविंद कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में जिला से आए दो अन्य पदाधिकारियों के साथ उन्होंने गोदाम का निरीक्षण किया था और गोदाम में पड़े खराब अनाज को हटा कर गोदाम साफ करने का आदेश दिया गया था। उन्होंने कहा कि गोदाम में लंबे समय से पड़े खराब अनाज की जानकारी वरीय उपसमाहर्ता शहबाज़ खान और जिला मैनेजर को भी थी। फेंके गए अनाज के संबंध में हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा के जिला अध्यक्ष टुट्टू खान ने कहा कि इस प्रकार गरीबों को दिया जाने वाला अनाज आग के हवाले करने गंभीर अपराध है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।