जीबीएम कॉलेज में हिंदी विभाग द्वारा मुंशी प्रेमचंद की कृतियों पर परिचर्चा एवं कहानी पाठ का आयोजन
गया । गौतम बुद्ध महिला कॉलेज में हिंदी विभाग द्वारा प्रो. जावैद अशरफ़ की अध्यक्षता तथा हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर्स डॉ प्यारे मांझी (विभागाध्यक्ष), डॉ सुनीता कुमारी एवं डॉ सुरबाला कृष्णा की देखरेख में कथा सम्राट प्रेमचन्द की जयंती पर ‘परिचर्चा-सह-कहानी पाठ’ का आयोजन किया गया। छात्राओं ने मुंशी प्रेमचंद की सर्वश्रेष्ठ कहानियों को उद्धृत करते हुए मुंशी प्रेमचंद के जीवनी पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य प्रो. जावैद अशरफ़ एवं उपस्थित फैकल्टीज द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। तत्पश्चात, मुंशी प्रेमचंद के छायाचित्र पर माल्यार्पण करके श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। छात्राओं ने सुमधुर मंगलगान की प्रस्तुति दी। तत्पश्चात, छात्रा अंजली, खुशी, नीलम, अमीषा भारती, रिशू, रानी, मुस्कान, शिवानी, निकिता, मनीषा, अन्या, पूनम, तान्या, राजनंदनी, श्रुति, निधि प्रिया ने प्रेमचंद के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनकी प्रतिनिधि कहानी ईदगाह, पूस की रात, माँ का हृदय, दो बैलों की कथा, कफ़न, ठाकुर का कुँआ, बूढ़ी काकी, प्रतिबोध आदि का सारगर्भित विश्लेषण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन छात्रा अमीषा भारती ने किया। विभागाध्यक्ष डॉ मांझी ने कहानी कला की बारीकियों पर प्रकाश डालते हुए प्रेमचंद की लेखनी को अद्वितीय बतलाया। प्रधानाचार्य प्रो जावैद अशरफ़ ने अपने संबोधन में मुंशी प्रेमचंद की कहानियों को अत्यंत मर्मस्पर्शी और समाज का सत्य चित्रण ठहराया। उन्होंने प्रेमचंद के कहानी-संग्रह ‘पाँच फूल’ का स्मरण करते हुए प्रेमचंद की हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं पर मज़बूत पकड़ की प्रशंसा की। उन्होंने हिन्दी विभाग को कार्यक्रम के आयोजन हेतु हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए छात्राओं को हिंदी शब्दकोश का लाभ उठाने का परामर्श दिया। कार्यक्रम को प्रो. अफ्शाँ सुरैया, डॉ सुनीता, डॉ सुरबाला कृष्णा एवं प्रीति शेखर ने भी संबोधित किया। सभी ने प्रेमचंद की कृतियों से अपने मानसिक व भावनात्मक जुड़ाव को साझा किया। कॉलेज पीआरओ डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी ने बतलाया कि छात्राओं ने उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की प्रतिनिधि कहानियों का पाठ बड़ी ही उमंग के साथ किया। हिंदी विभाग द्वारा आयोजित प्रेमचंद की जीवनी एवं कृतित्व पर आधारित परिचर्चा तथा कथा पाठ से छात्राओं में संवाद शैली, वाचन कला, संप्रेषण क्षमता तथा हिंदी साहित्य में रुचि का संवर्द्धन होगा। कार्यक्रम में बर्सर सहदेब बाउरी, डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी, डॉ जया चौधरी, डॉ पूजा राय, डॉ पूजा, डॉ अमृता घोष, डॉ नगमा शादाब, डॉ अनामिका कुमारी, कृति सिंह आनंद, डॉ प्रियंका कुमारी, प्रीति शेखर, डॉ शिल्पी बनर्जी, डॉ बनीता कुमारी, डॉ फरहीन वज़ीरी, डॉ रुखसाना परवीन आदि की उपस्थिति रही।