बिहार में एनडीए को हराने के लिए आपसी समन्वय जरूरी : सुबोधकांत सहाय
रांची। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि चुनाव के समय व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को दरकिनार कर दलों के बीच आपसी समन्वय पर जोर देने की जरूरत है। तभी बिहार की सत्ता से सांप्रदायिक ताकतों को बाहर किया जा सकेगा। श्री सहाय बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस तरह झारखंड में धर्मनिरपेक्ष दलों ने एकजुट होकर भाजपा की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया, उसी प्रकार बिहार में भी एकजुटता प्रदर्शित करने की आवश्यकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सहाय ने बिहार के मतदाताओं से जाति और धर्म की भावना से ऊपर उठकर मतदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद बिहारी मजदूरों की महानगरों से तकलीफदेह यात्रा के जरिए वापसी तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस दौरान उदासीनता को जनता भूली नहीं है। लाॅकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से बिहार के छात्रों की वापसी को लेकर नीतीश कुमार टाल-मटोल करते रहे, वहीं, भाजपा विधायकों और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बच्चों को निजी वाहन से वापसी के लिए विशेष अनुमति दी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर के पास काम देने का वादा किया और भूल गए। श्री सहाय ने कहा कि जदयू पूरी तरह भाजपा की बी टीम बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की मोदी सरकार देश के महत्वपूर्ण संस्थानों को अपने कुछ चुनिंदा पूंजीपति मित्रों की झोली में डालते जा रही है। नीतीश कुमार उनके पिछलग्गू बने हुए हैं। उन्होंने सुझाव के तौर पर कहा कि चुनाव में महागठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा काफी सोच-समझकर किया जाना चाहिए। दलों के कोटे की जगह जीत हासिल करने वाले नेताओं को उम्मीदवार बनाना चाहिए। चाहे वह जिस भी घटक दल से संबंधित हो। श्री सहाय ने कहा कि बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन की सरकार विकास के नाम पर जनता को दिगभ्रमित करती रही है। राज्य में विकास के कार्यों को धरातल पर उतारने में सरकार विफल रही है। सत्ता मद में चूर अहंकारी भाजपा को झटका लगना जरूरी है। श्री सहाय ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार एक एक कर सभी महत्वपूर्ण संस्थानों के निजीकरण की योजना बना रही है। निजीकरण को बढ़ावा देने से पूंजीपतियों की मनमानी और बढ़ेगी। इससे आमजन परेशान होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता नीतीश सरकार की नीतियों से ऊब चुकी है। जनता ने चुनाव में भाजपा जदयू गठबंधन को इस बार सत्ता से दूर करने का मन बना लिया है। उन्होंने बिहार की जनता से भाजपा -जदयू गठबंधन की सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।