31 दिसंबर तक बढ़ सकती है लोन मोरेटोरियम की सुविधा, सरकार और आरबीआई की वार्ता चल रही है ।
अभी 31 अगस्त 2020 तक के लिए लागू है लोन मोरेटोरियम की सुविधा। मोरेटोरियम की सुविधा बढ़ने से बैंकों के एनपीए में उछाल आ सकता है।
कोविड-19 के आर्थिक संकट से आम लोगों को राहत दिलाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से दी गई लोन मोराटोरियम की सुविधा 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ाई जा सकती है। अभी इसकी अंतिम तिथि 31 अगस्त को खत्म होने जा रही है।
सभी हितधारकों से चल रही बातचीत
एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लोन मोराटोरियम की सुविधा को बढ़ाने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। हालांकि, इसको लेकर आरबीआई और सभी हितधारकों से बातचीत चल रही है। अधिकारी का कहना है कि लोन मोराटोरियम में विस्तार की संभावना है। इसको बढ़ाकर इस साल के अंत तक किया जा सकता है।
मोराटोरियम बढ़ा तो हो सकती है समस्या
यदि लोन मोराटोरियम की सुविधा को एक बार फिर से बढ़ाया जाता है तो बैड लोन की पहचान और उनके लिए प्रोविजन करना वित्त वर्ष 2020-21 में संभव नहीं है। अधिकारी का कहना है कि ऐसी स्थिति में पब्लिक सेक्टर बैंकों में री-कैपिटलाइजेशन के लिए पूंजी डालने का कार्य अप्रैल 2021 से पहले नहीं हो सकता है।
1 मार्च से लागू है लोन मोराटोरियम
कोरोना संक्रमण के आर्थिक असर को देखते हुए आरबीआई ने मार्च में तीन महीने के लिए मोराटोरियम (लोन के भुगतान में मोहलत) सुविधा दी थी। यह सुविधा 1 मार्च से 31 मई तक तीन महीने के लिए लागू की गई थी। बाद में आरबीआई ने इसे तीन महीनों के लिए और बढ़ाते हुए 31 अगस्त तक के लिए लागू कर दिया था। यानी कुल 6 महीने की मोराटोरियम सुविधा दी गई है।
रेटिंग एजेंसियों ने एनपीए बढ़ने का अनुमान जताया
हाल ही में ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने एनपीए बढ़ने का अनुमान जताया है। एसएंडपी का कहना है कि वित्त वर्ष 2021 में भारतीय बैंकों का एनपीए बढ़कर 14 फीसदी तक जा सकता है। वित्त वर्ष 2020 में एनपीए 8.5 फीसदी था। एजेंसी ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के कारण भारतीय बैंकिंग सेक्टर की रिकवरी सालों पीछे चली जाएगी। इससे क्रेडिट फ्लो और अर्थव्यवस्था दोनों प्रभावित होंगे।
आरबीआई गवर्नर ने भी दिए एनपीए बढ़ने के संकेत
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कोरोना महामारी के कारण बैंकों का एनपीए बढ़ने का संकेत दिया है। पिछले सप्ताह एसबीआई की ओर से आयोजित ‘कोविड-19 का कारोबार और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव’ वर्चुअल कॉन्क्लेव में बोलते आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण एनपीए में बढ़ोतरी होगी और कैपिटल में कमी आएगी।