झारखंड में बिहार की तर्ज पर शहीद शेख भिखारी अरबी-फारसी विश्व विद्यालय का गठन हो: मौलाना गुलाम रसूल बलियावी
घरेलू हिंसा व तलाक से संबंधित मामलों पर एदारा ए शरिया बेहतर काम कर रही है ।
रांची। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार है जो एनडीए गठबंधन के साथ चल रही है। बावजूद इसके यहां के मुसलमानों के मसले पर शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक एवं दयनीय स्थिति पर सरकार गंभीर है। यही कारण है कि बिहार सरकार मुसलमानों के समस्याओं पर बेहतर काम कर रही है और आज स्वतंत्रता सेनानी के नाम मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्व विद्यालय गठन कर आलिम व फाजिल के मदरसे इसी से संचालित होरहे हैं। उक्त बातें पूर्व सांसद व बिहार विधान परिषद के सदस्य सह अध्यक्ष बिहार विधान परिषद अल्पसंख्यक समीति के अध्यक्ष सह राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय एदार ए शरीया झारखंड मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने रांची के पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। बलियावी ने कहा कि बिहार हज हाउस के सहयोग एवं मदरसा बोर्ड की ओर से बच्चों को जो शिक्षा दी जा रही है ,उनकी डिग्री की मान्यता सरकारी नौकरी में भी है और आलिम व फाजिल को युजीसी मानती भी है। यही वजह रही कि बीपीएससी और दारोगा बहाली में बिहार में काफी तादाद में मुस्लिम बच्चे-बच्चियां इस बार सफल हुए हैं। लेकिन वहीं झारखंड की स्थिति को देखता हूं तो अफसोस होती है। यहां यूपीए की गठबंधन की सरकार है। लेकिन यहां के अकलियतों उनके सामाजिक , शैक्षणिक , आर्थिक स्थिति पर सरकार गंभीर नहीं दिखती है। जिस कारण से यहां की जेपीएससी या फिर सरकारी नियुक्तियों की बहाली में झारखंड के मुसलमानों की संख्या कम नजर आती है । आगे उन्होंने कहा कि देश में 1968 से एदार ए शरीया पूरी शिद्दत के साथ मुसलमानों की हर समस्याओं पर गरीबी, आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, राजनीतिक मसलों पर काम कर रहा है। घरेलू हिंसा व तलाक से संबंधित मामलों पर एदारा ए शरिया बेहतर काम कर रही है । हाल में भी एदारा ए शरीया झारखंड के नाजिमे आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर झारखंड के आर्थिक , सामाजिक , शैक्षणिक एवं शहीद शेख भीकारी अरबी-फारसी विश्व विद्यालय की स्थापना व आलिम, फाजिल के लम्बित समस्या पर एक मांग पत्र सौंपा। जिसमें यह भी कहा गया कि झारखंड में शहीद शेख भिखारी अरबी फारसी विश्वविद्यालय का गठन हो। यहां के बच्चे जो मदरसा बोर्ड(जैक) से तालीम हासिल कर रहे हैं।आलिम ,फाजिल की उसकी डिग्री को भी मान्यता मिले,ताकि उन्हें भी सिविल सर्विसेस सहित सरकारी विभाग की नियुक्तियों में लाभ मिल सके। एदारा ए शरीया झारखंड के विभिन्न जिलों के प्रखंडों एवं पंचायतों में मुस्लिम संगठनों के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाएंगे। वहीं मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि हम लोग लगातार सरकार से यह मांग करते रहे कि वक्फ बोर्ड ,अल्पसंख्यक आयोग, अल्पसंख्यक वित्त निगम ,मदरसा बोर्ड का गठन किया जाए । 6 सालों से वक्फ बोर्ड खाली पड़ा हुआ है। उसमें पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाए। साथ ही 15 सूत्री समन्वय समिति है ,उसको सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार पहल करें । साथ ही हज हाउस में भी जेपीएससी एवं सिविल सर्विसेज की पढ़ाई की तैयारी के लिए जगह दी जाए।
इस अवसर पर मौलाना कुतुबुद्दीन रीजवी, सैयद खुर्शीद अख्तर , मुफ्ती फैजुल्लाह , मौलाना जसीम उद्दीन खान , मौलाना कारी अयूब, मौलाना मुजीब उर रहमान, शमशुल होदा, हाफिज मुक्तादीर, हाफिज रमजान ,इकबाल सहित कई लोग उपस्थित थे।