"जनसहयोग, कुशल प्रशासनिक नेतृत्व, तीर्थ पुरोहितों का समन्वय भाव भाव के कारण पृतपक्ष महासंगम 2025 भव्य रुप से संपन्न हुआ" अनंत धीश अमन
"जनसहयोग, कुशल प्रशासनिक नेतृत्व, तीर्थ पुरोहितों का समन्वय भाव भाव के कारण पृतपक्ष महासंगम 2025 भव्य रुप से संपन्न हुआ" अनंत धीश अमन

गया जी । पितरो के प्रति अकल्पनीय श्रद्धा का महाकुंभ गया जी बिहार में आदिकाल से होते आ रहा है माता सीता और भगवान श्री राम जी ने भी यहाँ आकर अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा भाव रखते हुए यहाँ पिंडदान और तर्पण किया था इसलिए गया सिर्फ तीर्थ स्थल हीं नहीं अपितु सनातन संस्कृति, सामाजिक समरसता एवं आतिथ्य भाव का अद्भुत दर्पण है।
भारतवर्ष के विभिन्न प्रदेशों से लोग यहाँ अपने पूर्वजों के मुक्ति हेतु आते है और भारतवर्ष हीं नहीं अपितु सनातन के प्रति आस्था रखने वाले विदेशी लोग भी सनातन संस्कृति के पूर्वजों के प्रति अकल्पनीय श्रद्धा के महाकुंभ मे आकर डुबकी लगाते है।
गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है,
सङ्करो नरकायैव कुलघ्नानां कुलस्य च।
पतन्ति पितरो ह्येषां लुप्तपिण्डोदकक्रियाः।।
इसका अर्थ इस प्रकार है कि, वर्णसंकर कुलघातियों को और कुल को नरक में ले जानेवाला ही होता है। श्राद्ध और तर्पण न मिलने से इनके पितर भी अपने स्थान से गिर जाते हैं।
यानी धर्म के लोप होने से अनुष्ठान बाधित होता है और पूर्वजों को भी हम व्यसन में भूल जाते है जिससे हमारे पूर्वज भी पृतलोक से दूर हो जाते है।
यज्ञ,अनुष्ठान एंव श्राद्ध से हम धर्म का सरंक्षण करते है साथ हीं प्रकृति को आभार व्यक्त करते है जिन्होंने हमें यह संसार में लाया और साथ हीं जो हमारे जीवन की मूलभूत सरंचना है यह सनातन के संस्कृति का अद्भुत दर्पण है जिसे देखकर हम अपने में सनातन के विचार पद्धति को संरक्षित करते है।
गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को समझाने हेतु इस प्रकार कहते है कि,
बीजं मां सर्वभूतानां विद्धि पार्थ सनातनम् ।
बुद्धिर्बुद्धिमतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम् ॥
इसका अर्थ इस प्रकार है, हे अर्जुन! तू सम्पूर्ण भूतों का सनातन बीज मुझको ही जान। मैं बुद्धिमानों की बुद्धि और तेजस्वियों का तेज हूँ॥
इसलिए यह भी हम देखते है गया जी में आए हुए श्रद्धालु अपने पूर्वजों के मुक्ति हेतु पिण्ड श्री हरि नारायण के चरणों पर अर्पित कर देते है।
यह पूर्वजों के प्रति अकल्पनीय श्रद्धा का महाकुंभ पृतपक्ष महासंगम आज के भारतवर्ष के सनातन संस्कृति का ऐसा संगम है जिसकी व्यवस्था हेतु केन्द्र सरकार, बिहार सरकार, जिला प्रशासन, विष्णुपद प्रबंधकारनी समिति,समाजसेवी, समाजिक संस्थाएं, शहर के हर नगरवासी तक दिनरात एक किए हुए होते है इसी के फलस्वरूप सत्रह दिनों तक चलने वाले मेला का भव्य रुप से समापन हुआ।सभी लोग एवं संस्थाओं का यह भाव होता है इसमें सहयोग करने से हमारे पूर्वजों को भी आनंद और तृप्ती मिलेगी।
जिला पदाधिकारी महोदय को विशेष रुप से धन्यवाद जिन्होंने मेले के हर छोटी मोटी समस्याओं को ध्यान में रखकर योजना बनाई जिससे आए हुए लाखों लाख श्रद्धालुओं का गया जी धाम के प्रति एक अद्भुत छवि आपने बनाने का अतुलनीय प्रयास किया आपके कदम से कदम मिलाकर हर पदाधिकारी, ग्यवाल पुरोहित, समाजसेवी, समाजिक संस्थाएं और जन सरोकार से पितृपक्ष महासंगम 2025 का भव्य रुप से संपन्न कराया गया।