कार्यपालक अभियंता ने 6 वर्षों में 23 करोड़ की अवैध निकासी की, अनुकंपा पर नौकरी करनेवाले संतोष ऐसे खुली पोल

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में 2010 में अनुकंपा पर नौकरी लेने वाले संतोष कुमार ने पिछले 72 चेक के जरिए 23 करोड़ रुपए निकाले। 6 सालों में इंजीनियर संतोष कुमार ने विभाग को करोड़ों रुपए की चपत लगाई है।

कार्यपालक अभियंता ने 6 वर्षों में 23 करोड़ की अवैध निकासी की, अनुकंपा पर नौकरी करनेवाले संतोष ऐसे खुली पोल

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में करोड़ों के गबन के आरोपी संतोष कुमार का फर्जीवाड़ा काफी लंबा है। साल 2010 में अनुकंपा पर नौकरी लेने वाले संतोष कुमार ने पिछले 6 वर्षों में 72 चेक के माध्यम से 23 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की। दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्र के आईजी कार्यालय ने डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव को पत्र लिखकर अवैध निकासी की जानकारी दी है। पत्र में पेयजल एवं स्वच्छता स्वर्णरेखा प्रमंडल, रांची एवं कोषागार रांची के पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा लापरवाही बरतने एवं संतोष कुमार द्वारा फर्जी दस्तावेज पर अवैध निकासी करके सरकारी राशि के गबन की बात कही गई है।

विभाग बना रहा लापरवाह 

1. संतोष कुमार की नियुक्ति 2010 में अनुकंपा के आधार पर हुई। तब से वह कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, रांची कार्यालय में कैशियर, कैश मैसेंजर, बिल क्लर्क तीनों पद पर कार्यरत था। तीनों पद पर अलग-अलग व्यक्तियों की नियुक्ति होनी चाहिए थी।
2. अगस्त 2018 में दो चेक से छोटी राशि की अवैध निकासी की। वर्ष 2019-20 में छह चेक एवं वर्ष 2022 में विभिन्न खातों से तीन करोड़ से अधिक की अवैध निकासी की।
3. बिल तैयार करने के दौरान संतोष कुमार अन्य पदाधिकारियों के आईडी का प्रयोग कुबेर पोर्टल में कर कुबेर बिल तैयार करता था।
4. संतोष कुमार ने नवंबर 2022 में कार्यपालक अभियंता के हस्ताक्षरित पत्र में अपना ईमेल आईडी एवं मोबाइल नंबर देकर जून 2012 से निष्क्रिय डीडीओ कोड आरएनसीडब्ल्यूएसएस 017 कोड का नाम सुधारने के लिए आवेदन दिया।
5. इसी कोड से 64 चेकों के माध्यम से करीब 20 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई।
6. 64 चेकों को कोषागार द्वारा पारित कर महालेखाकार कार्यालय को भेजा गया। चेक के ई-पेमेंट स्टेटस जांच में पाया गया कि कुल 14 चेकों में एक पेई आईडी और एक बैंक खाता है, जबकि कोड से कुल 63 चेकों की जांच की गई तो 14 चेकों की राशि को क्रमश दो, तीन, चार खातों में भुगतान किया गया। कोषागार ने इस पर कोई आपत्ति नहीं दर्ज की।
7. महालेखाकार, रांची कार्यालय ने अवैध निकासी की जानकारी वित्त विभाग के सचिव को दी। वहीं, उक्त आरएनसीडब्ल्यूएसएस 017 कोड से संबंधित किसी प्रकार का कोई भी दस्तावेज पेयजल एवं स्वच्छता स्वर्णरेखा प्रमंडल कार्यालय, रांची में उपलब्ध नहीं है।
8. इस पूरी अवधि में नियंत्री पदाधिकारी द्वारा अवैध निकासी को नहीं पकड़ा गया। निकासी कार्यों के परीक्षण में घोर अभाव परिलक्षित हुआ है।