बाल संस्कार के महत्व पर बाल दृष्टि 2024 विषय पर हिल टॉप पब्लिक स्कूल में इस्कॉन का सेमिनार
यदि संस्कार न हो तो हमारी सामाजिक जिम्मेदारिया ओर सामाजिक भागीदारी शून्य होगी। संस्कारों की पहली पाठशाला घर से शुरु होती है। हम जो घर से सीखते हैं, वही बाहर करते हैं।
इस्कॉन रांची व रिलेशंस के संयुक्त तत्वावधान में बरियातू रोड स्थित हिल टॉप पब्लिक स्कूल में एक दिवसीय बाल संस्कार के महत्व पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।इस अवसर पर मुख्य वक्ता इस्कॉन रांची के प्रकाश प्रभु ने बच्चों को जीवन में संस्कार के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने ने कहा कि संस्कारों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। यदि संस्कार न हो तो हमारी सामाजिक जिम्मेदारिया ओर सामाजिक भागीदारी शून्य होगी। संस्कारों की पहली पाठशाला घर से शुरु होती है। हम जो घर से सीखते हैं, वही बाहर करते हैं। इसके बाद स्कूल में संस्कारों का समायोजन होता है। इसके अलावा संस्कारों में एक अहम संस्कार है, जिसे परोपकार कहा जाता है। परोपकार के जरिए ही समाज में हम एक दूसरे की भावनाओं को समझ पाते हैं। इसी के जरिए हम एक दूसरे की मदद के लिए प्रेरित होते हैं।यदि यह संस्कार न हो तो हम समाज में कोई स्थान प्राप्त नहीं कर सकते हैं। लिहाजा संस्कारों की कड़ी में हमें परोपकार के बारे में पता होना चाहिए और इसका अनुपालन भी सुनिश्चित करना चाहिए।तभी हम समाज में विशिष्ट स्थान बना पाने में कामयाब हो सकते हैं।जीवन की सफलता में मां बाप और गुरु का बड़ा योगदान होता है। हमें हमेशा उनका सम्म।न करना चाहिए तभी हम समाज में सफल व्यक्ति बन सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्य अथिति के रूप से स्कूल कि प्राचार्या संगीता राज, उप प्राचार्या सुनीता श्रीवास्तव, रिलेशंस के निदेशक आशुतोष द्विवेदी,जय श्रीवास्तव समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
बच्चो ने गीता के ज्ञान को भी समझा और भगवान कृष्ण के तस्वीर और मोर के पंख लेकर हरे कृष्ण हरे राम गीत पर नृत्य भी किया।
इस अवसर पर आई एस जाकी,सीमा लाला, पुरोबी राय, सिबानी, मौसमी भटचार्या, शंकर, स्नेहा,गार्गी, सूर्यकांत, साधना, प्रियंका, सिमकि, सरिता, निकिता, सविता आदि कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।