अब एक बूँद भी शराब बॉर्डर से नहीं निकल पाएगी, लगेंगे 100 करोड़ के स्कैनर्स

शराबबंदी कानून को सख्‍ती से पालन कराने के लिए इन राज्‍य की सीमा पर स्‍कैन टनल बनाने पर विचार कर रही है।

अब एक बूँद भी शराब बॉर्डर से नहीं निकल पाएगी, लगेंगे 100 करोड़ के स्कैनर्स

पटना : 

बिहार में शराबबंदी कानून को सख्‍ती से पालन करने के लिए नीतीश कुमार ने पिछले दिनों समीक्षा बैठक की इस बैठक में उन्‍होंने शराबबंदी को लागू करने के लिए नई तकनीक और स्‍मार्ट पुलिसिंग का सहारा लेने का निर्देश दिया है। जिसका नतीजा है बिहार की पुलिस शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए ड्रोन का प्रयोग तो कर ही रही सरकार की कोशिश है कि दूसरे राज्‍यों से शराब की एक बूंद भी बिहार की सीमा में प्रवेश न कर पाए। बिहार में पिछले पांच सालों से शराबबंदी कानून लागू है। बावजूद इसके शराब पी, पिलाई और बेची जा रही है। विदेशी शराब बिहार के सीमावर्ती राज्‍यों के जरिए बिहार में लाई ला रही है। जिसका नतीजा है बिहार में शराबबंदी फेल साबित हो रही है।

  • राज्‍य की प्रवेश सीमा पर लगेंगे बड़े स्‍कैनर, सभी अवैध सामानों के प्रवेश पर कसेगी नकेल
  • शराबबंदी कानून का पालन कराने के लिए सरकार लगाएगी विशाल स्‍कैनर
  • बीते 6 महीनों में जहरीली शराब से करीब 150 लोगों की जान जा चुकी है
  • पांच सालों में 1.93 करोड़ लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त हो चुकी है
  • यूपी, झारखंड और पश्चिम बंगाल से सटे राज्यों और नेपाल से रुकेगी शराब की तस्‍करी

सीमा के इंट्री प्‍वाइंट पर एक स्कैन सुरंग बनाई जाएगी

बिहार सरकार की कोशिश है कि दूसरे राज्‍यों से बिहार में होने वाली शराब की तस्‍करी को रोका जाए। इसके लिए सरकार स्‍कैन टनल पर विचार कर रही है। बिहार से उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड और नेपाल की सीमा जुड़ती है। शराबबंदी कानून को सख्‍ती से पालन कराने के लिए इन राज्‍यों की सीमा पर स्‍कैन टनल बनाने पर विचार कर रही है। हम जल्द ही डोभी और रजौली (झारखंड-बिहार), गोपालगंज और भभुआ (यूपी-बिहार) और दलखोला (बिहार-पश्चिम बंगाल) की सीमा के इंट्री प्‍वाइंट पर एक स्कैन सुरंग बनाने के लिए प्रस्ताव किया जाएगा। ताकि बिहार वाहनों की स्‍कैनिंग आसानी से हो सके। आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने एनबीटी से बातचीत में बताया कि बिहार सरकार शराबबंदी कानून को सख्‍ती से लागू के लिए प्रतिद्ध है। शराब को बिहार में पूरी तरह से नशा मुक्‍त राज्‍य बनाना हमारा लक्ष्‍य है।

100 करोड़ से अधिक की लागत से इंस्टॉल होंगे स्कैनर्स

सुनील कुमार ने बताया कि हम पांच स्‍कैनर्स लगाने पर विचार कर रहे हैं। जिनके इंस्‍टॉलेशन में 100 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आने का अनुमान है। उन्‍होंने कहा ये सारे स्‍कैनर्स बिहार के इंट्री प्‍वाइंट पर होंगे। इनका आकार बड़ा होगा और ऐसी जगह लगेंगे जहां से हजारों गाडि़यों स्‍कैनिंग की जा सकेगी। ऐसे में इनके इंस्‍टॉलेशन का खर्च यकीनी तौर पर ज्‍यादा होगा। आबकारी विभाग के मंत्री ने कहा ‘खर्च के बारे अभी कहना मुश्किल है लेकिन इट्स आ ह्यजू इंवेस्‍टमेंट लेकिन हमारी कोशिश है कि जल्‍द इसे इंटॉल किया जाए’। सुनील कुमार कहते हैं कि ‘यूपी और झारखंड के मार्गों का उपयोग शराब की तस्करी के लिए सबसे अधिक बार किया जाता है, इसलिए स्कैनर्स से बड़ी मदद मिल सकती है।’
वाहनों के भीतर रखे सामान भी स्कैन हो जाएँगे
सुनील कुमार ने कहा कि राज्य में अवैध शराब बनाने वालों को ट्रैक करने के लिए आबकारी और शराबबंदी प्रवर्तन दल पहले से ही ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं। जिसके काफी अच्‍छे नतीजे सामने आए हैं। ये सस्‍ता भी है और रख रखाव में भी इसकी निर्भरता सरकार पर नहीं होगी। इसे आउट सोर्स किया जा सकता है। सुनील कुमार ने बताया कि ये स्‍कैनिंग सिस्‍टम उसी तरह काम करेगा जैसे हवाई अड्डों वगैरह पर बॉडी स्‍कैनर लगाए जाते हैं। मगर इसका आकार बड़ा होगा ताकि स्‍कैनिंग के बड़े एरिया को कवर कर सकेंगे। इसके स्‍कैन की क्षमता भी ज्‍यादा होगी। जो एक साथ गुजरने वाले भारी वाहनों और उसके अंदर रखे सामानों को स्‍कैन कर सकेगा। स्कैन हाई-टेक कैमरों के साथ औद्योगिक तकनीक पर आधारित होगी। जो हर तरफ से गुजर रहे वाहन की तस्वीरें ले सकती है।

कैसी होगी स्कैनिंग की प्रक्रिया?
यदि आप मेट्रो स्‍टेशन में दाखिल होते हैं जिस तरह के स्‍कैनिंग मशीन से आपकी बॉडी स्‍कैन की जाती ये स्‍कैनिंग भी वैसी ही होगी। जिससे गुजरने के दौरान आपकी स्‍कैनिंग होती है। ये हेवी स्‍कैनिंग सिस्‍टम भी वैसा ही होगा। जिससे गुजरते ही वाहन की पूरी स्‍कैनिंग हो जाएगी। इमेजिंग विशेषज्ञों की एक टीम मॉनिटर पर स्कैन का आकलन करेगी। वास्तव में, यह एक मास स्कैनर है जो प्‍लास्टिक धातु, तरल पदार्थ आदि को पहचान सकता है। स्कैनिंग के एक विशेषज्ञ ने बताया एक सामान्य स्कैनर लगभग हर तरह की चीज को पहचान सकता है। उसकी अलग अलग तस्‍वीर मॉनीटर पर दिखाता है। यदि बिहार में इस तरीके की उन्नत स्‍कैनिंग तकनीक हर तरह के तरल पदार्थों को अलग अलग पहचान कर उसकी अलग अलग इमेज बनाता है। जिससे शराब की तस्‍करी पर रोक लगाना आसान होगा। बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून की समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने आबकारी अधिकारियों से शराब व्यापारियों और निर्माताओं पर नकेल कसने के लिए लेटेस्‍ट तकनीक, श्‍वान दस्‍तों और हाईटेक पुलिसंग के जरिए शराबबंदी को सख्‍ती से लागू करने का निर्देश दिया है।