Monday, July 1, 2024
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सरला बिरला पब्लिक स्कूल ने नेशनल इंटर स्कूल इंटर-डिसिप्लिनरी आर्ट्स कॉन्क्लेव ‘‘प्रतिध्वनि‘‘ के दूसरे संस्करण की मेजबानी की

यह कॉन्क्लेव श्रीमती सरला बिरला की जन्म शताब्दी को समर्पित है। इस शानदार कार्यक्रम में पूरे भारत के 35 स्कूलों के 500 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।


सरला बिरला पब्लिक स्कूल रांची में 28 से 30 जून, 2024 तक आयोजित नेशनल इंटर स्कूल इंटर-डिसिप्लिनरी आर्ट्स कॉन्क्लेव के दूसरे संस्करण ‘‘प्रतिध्वनि‘‘ का शानदार उद्घाटन हुआ। यह कॉन्क्लेव श्रीमती सरला बिरला की जन्म शताब्दी को समर्पित है। इस शानदार कार्यक्रम में पूरे भारत के 35 स्कूलों के 500 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों और प्रतिभागियों के स्वागत के साथ हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बीबीएमकेयू, धनबाद के पूर्व कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) अंजनी कुमार श्रीवास्तव उपस्थित थे। अन्य गणमान्य अतिथियों में सरला बिरला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर (डॉ) वी.के. सिंह, जेवीएम, श्यामली के प्राचार्य श्री समरजीत जाना, और गुरु गोबिंद सिंह पब्लिक स्कूल, कमड़े की प्राचार्या सुश्री शालिनी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम को सफल बनाया। निर्णायक मंडल में कला एवं संस्कृति क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल थे। दीप प्रज्ज्वलन से शुभ दिन की शुरुआत हुई इसके बाद स्वागत नृत्य हुआ। प्राचार्या ने भाग लेने वाले स्कूलों को संबोधित करके कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रतिभागी स्कूलों को प्रतियोगिता के सामान्य नियमों से अवगत कराया गया। तीन दिवसीय कार्यक्रम में सामान्य प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, क्वाट्र्रेट: अंग्रेजी में प्रायोगिक थिएटर प्रोडक्शन, फ्रेम्स- कैमरे के लिए पश्चिमी नृत्य, टॉर्क-एकीकृत नृत्य संवाद, संदर्भ- गीतों और शब्दों के माध्यम से एक यात्रा, सेमियो टेक्स्ट विजुअल आर्ट जैसी प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला तथा बहु-प्रारूप वाद-विवाद और रचनात्मक लेखन जैसी प्रतियोगिताएं शामिल की गई हैं। प्रथम दिन आयोजित प्रतियोगिताएँ पुरस्कार वितरण के साथ समापन हुई।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने इस भव्य कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए स्कूल को धन्यवाद दिया। उन्होंने श्री जी. डी. बिरला से जुड़ी अपनी यादें साझा की और सभी को उनके दूरदर्शी व्यक्तित्व के बारे में बताया। उन्होंने समाज में श्रीमती सरला बिरला के योगदान और पूरे भारत में 45 स्कूलों की स्थापना में उनके प्रयासों के बारे में भी बात की। उन्होंने आयोजन की सफलता के लिए सभी को शुभकामनाएं दीं।
प्राचार्या श्रीमती परमजीत कौर ने सभी का हार्दिक स्वागत किया और कहा कि हमारे कार्य इस ब्रह्मांड में गूंजते हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य जीतना या हारना नहीं बल्कि किसी उद्देश्य के लिए खुद को प्रतिबद्ध करना और समाज को एक संदेश देना है। उन्होंने दर्शकों को जीवन के हर क्षेत्र में कला को शामिल करने की याद दिलाई क्योंकि कला मूल्यों की अभिव्यक्ति का एक माध्यम है। उन्होंने सभी को तीन दिवसीय अनुभव का आनंद लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस महान आयोजन को संभव बनाने के लिए सभी को तहे दिल से धन्यवाद दिया।
नॉलेज रिसोर्स क्यूरेटर, श्री मुखर्जी, ने सभी को ‘रिपब्लिक‘ के सही अर्थ की याद दिलाई। साथ ही उन्होंने माननीय सरला बिरला जी की जन्म शताब्दी और गणतंत्र दिवस के 76वें वर्ष एवं भारतीय संविधान को अपनाने और भारत के चुनाव आयोग की स्थापना के 75वें वर्ष की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में भी बताते हुए कहा कि हमारा सम्मेलन ‘प्रतिध्वनि‘ इन्हीं को समर्पित है। उन्होंने सभी को इस प्रकार के ‘कांक्लेव‘ के आयोजन की आवश्यकता और इसमें शामिल मौलिक कौशलों के बारे में बताया। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति अंतर-व्यक्तिगत शिक्षा में डूबा रहे क्योंकि यह सीखने के दृष्टिकोण को आकार देता है। छात्रों को 21वीं सदी में जीवन कौशल प्राप्त करने के लिए पाठ्यक्रम को देखने के बजाय पाठ्यक्रम को सीखने की आवश्यकता पर बल दिया।

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