आर्किड अस्पताल के चिकित्सकों ने मरीज के सांस की नली की रुकावट दूर की

आर्किड अस्पताल के चिकित्सकों ने मरीज के सांस की नली की रुकावट दूर की


रांची। झारखंड में पहली बार मरीज के सांस की नली की रुकावट को दूर करने में आॅर्किड अस्पताल के अनुभवी एवं कुशल चिकित्सकों की टीम ने सफलता हासिल की। इस संबंध में आर्किड मेडिकल सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर निशिथ कुमार ने बताया कि गिरिडीह निवासी 22 वर्षीय अनिल कुमार महतो को छाती में गंभीर चोट लगी थी। दुर्घटना के बाद उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी। इलाज के लिए वह कई जगह गए, लेकिन सांस नली की समस्या का समाधान नहीं हुआ। तत्पश्चात उन्होंने आर्किड मेडिकल में संपर्क किया। डॉ. निशिथ कुमार ने मरीज के ब्रोंकोस्कॉपी जांच में पाया कि फेफड़े की मुख्य सांस नली सिकुड़ कर पूरी तरह से बंद हो गई है। इसे मेडिकल टर्म में ब्रोंकियल स्टेनोसिस कहा जाता है। छाती रोग विशेषज्ञ डॉ.निशिथ कुमार, एनएसथेटिस्ट डॉक्टर अमित कुमार गुप्ता, टेक्नीशियन शेषनाथ व नंदू की संयुक्त टीम ने रिजिड ब्रोंकोस्कॉपी गाइडेड मैकेनिकल व बैलून डाइलेटेशन से सांस की नली को खोलने में सफलता प्राप्त की। सांस नली की रुकावट दूर होते ही मरीज की सांस की तकलीफ भी दूर हो गई। डॉ. निशिथ ने बताया कि बिना चीरा लगाए रिजिड ब्रोंकोस्कॉपी और बैलून द्वारा सांस की नली की रुकावट को दूर करने की इस तकनीक का इस्तेमाल पहली बार झारखंड में किया गया है। मरीज को अगले ही दिन छुट्टी दे दी गई। उन्होंने बताया कि झारखंड में पहली बार आॅर्गन प्लाज्मा कोगोलेशन की मशीन और आॅर्किड मेडिकल सेंटर में लगाई गई है। जिसकी मदद से सांस की नली का कैंसर बिना चीरा लगाए ब्रोंकोस्कॉपी की मदद से संभव है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्किड मेडिकल सेंटर के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर डॉ. पीके गुप्ता, डाॅ.अमित गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे।