कोरोना महामारी से मुक्ति व विश्व शांति को लेकर निकाली गई कलश यात्रा, दवा के साथ दुआ के लिए उठे ग्रामीणों के हाथ

अयोध्या से आए स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने कहा कि कोरोना महामारी से मुक्ति व विश्व शांति को लेकर लक्ष्मी-नारायण महायज्ञ का आयोजन किया गया है।

कोरोना महामारी से मुक्ति व विश्व शांति को लेकर निकाली गई कलश यात्रा, दवा के साथ दुआ के लिए उठे ग्रामीणों के हाथ

अमरेन्द्र कुमार सिंह (गया)

कोरोना महामारी की नई स्ट्रेन ने पूरे विश्व में कोहराम मचा रखा है। भारत देश में भी कोरोना का विस्फोट लगातार बढ़ रहा है। एक तरफ कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, तो वहीं मौत का आंकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है। इसे लेकर ग्रामीणों ने अब दवा के साथ दुआ के लिए भी हाथ उठाया है। इसी क्रम में कोरोना महामारी से मुक्ति को लेकर जिले के जैतिया गांव में लक्ष्मी-नारायण महायज्ञ का शुभारंभ किया गया। बुधबार प्रथम दिन हजारों की संख्या में महिलाओं ने गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली।
इस मौके पर अयोध्या से आए स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने कहा कि कोरोना महामारी से मुक्ति व विश्व शांति को लेकर लक्ष्मी-नारायण महायज्ञ का आयोजन किया गया है। आज प्रथम दिन विष्णुगंज बाजार स्थित कर्ण घाट से महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में कलश में जल भरकर महायज्ञ स्थल तक पहुंची। यज्ञ स्थल का परिक्रमा करने के बाद कलश यात्रा पूर्ण हुई। उन्होंने कहा कि इस महायज्ञ को पूर्ण करने के लिए मथुरा, वृंदावन व अयोध्या से दर्जनों साध-संतों पधारे हुए है। जिनके द्वारा आगामी 6 मई तक प्रवचन, कथा, रामलीला सहित अन्य कई कार्यक्रम होंगे।
कोरोना से मुक्ति को लेकर यज्ञ स्थल पर कोरोना वेदी का निर्माण कराया गया है। जहां कोरोना के खात्मे को लेकर अनुष्ठान किया जायेगा। जिससे लोगों को कोरोना से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि जब-जब इस तरह की बाधाएं आई है, तब-तब महायज्ञ अनुष्ठान करने से वातावरण में शुद्धि हुई है और महामारी का विनाश हुआ है।
वही जैतिया गांव निवासी लोक जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि वैसे तो महायज्ञ का आयोजन वातावरण की शुद्धि के लिए किया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी को दूर करने के लिए लक्ष्मी-नारायण महायज्ञ हो रहा है। इसमें दूर-दूर से साधु संत आए हुए हैं। प्रतिदिन संध्या में कथा व प्रवचन होगा। साथ ही दिन में महायज्ञ में कई तरह के अनुष्ठान होंगे। गया जिले के अलावा अन्य जगहों से भी लोग इस महायज्ञ में शामिल हो रहे हैं। महायज्ञ के अंत में 6 मई को महाभंडारा का आयोजन किया जाएगा। जहां लोगों के लिए प्रसाद का वितरण किया जाएगा। कोरोना जैसी महामारी से मुक्त हो, इसे लेकर बड़ा सा हवन कुंड बनाया गया है। जहां संतो द्वारा धार्मिक अनुष्ठान के साथ हवन किया जाएगा। जिससे वातावरण की शुद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान सरकार द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन का भी पालन किया जा रहा है। सभी लोगों के हाथों को सैनिटाइज करने के बाद व मास्क लगाकर ही विधि-विधान की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।