परमहंस योगानंद के जन्मोत्सव में देश विदेश से आए श्रद्धालु भक्ति रस में डूबे
आज परमहंस योगानन्द जी की 127वीं जयन्ती हैं। रांची के योगदा सत्संग मठ में आज परमहंस योगानन्द जी का जन्मोत्सव धूम-धाम से मनाया गया। बड़ी संख्या में देश-विदेश से परमहंस योगानन्द पर श्रद्धा लुटानेवालों की भीड़ यहां जुटी और भक्ति रसधारा में खुद को डूबोने में इन्होंने अपना ज्यादा समय बिताया। आज सुबह से ही योगदा सत्संग मठ का नजारा देखने लायक था। इस अवसर पर संस्था के महासचिव स्वामी ईश्वरानंद गिरि ने कहा: “आज विश्र्व में जो योग का प्रचार हुआ है – उसका सर्वाधिक श्रेय श्री श्री परमहंस योगनन्द जी को ही जाता है, जिस कारण उन्हें पश्चिम में योग के जनक के नाम से भी जाना जाता है।”
बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ मठ स्थित शिव मंदिर में एकत्रित हो रही थी। जहां एक भव्य कार्यक्रम आयोजित होना था। सर्वप्रथम मठ के संन्यासियों ने परमहंस योगानन्द जी के जन्मोत्सव के अवसर हवन यज्ञ में भाग लिया, तथा वैदिक मंत्रों से आहुतियां प्रदान कीं। उसके बाद परमहंस योगानन्द जी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया तथा विभिन्न प्रकार से उनकी पूजा अर्चना की गई।
इसके बाद परमहंस योगानन्द जी की आरती उतारी गई, जिसमें सभी भक्तों ने अपने गुरु परमहंस योगानन्द जी को उनके जन्मोत्सव के अवसर पर हृदय से प्रणाम किया तथा स्वयं को उनके चरणों में अर्पित किया। परमहंस योगानन्द जी को पुष्पाजंलि अर्पित करने के बाद भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में रांची में रहनेवाले लोगों ने भी शिरकत की तथा परमहंस योगानन्द जी के जन्मोत्सव के अवसर पर प्रसाद ग्रहण कर, स्वयं को कृतार्थ किया।
ऐसे भी रांचीवासियों को पांच जनवरी का दिन सदैव याद रहता है। वे जानते हैं कि आज परमहंस योगानन्द जी का जन्मदिन है। इसलिए आज किसी भी हाल में योगदा सत्संग मठ जाना ही जाना है और प्रसाद ग्रहण कर स्वयं को कृतार्थ करना आवश्यक है। परमहंस योगानन्द जी को प्रणाम कर, आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति करनी है। यही कारण है कि इस साल भी लोग जुटे और भजन कीर्तन किया, आरती ली, प्रसाद ग्रहण किया तथा मठ में परमहंस योगानन्द जी से जुड़ी स्मृतियों को अपनी आंखों में कैद करने के लिए दौड़ पड़े।