बिहार सरकार फिलहाल अनलाॅक के पक्ष में नहीं , कुछ छूट के साथ बढ़ सकती है लॉकडाउन की समय सीमा

कोरोना संक्रमण की दर में तेजी से हो रही गिरावट शुभ संकेत है। राज्य सरकार इसे शून्य प्रतिशत पर लाने के लिए प्रयासरत है.

बिहार सरकार फिलहाल अनलाॅक के पक्ष में नहीं , कुछ छूट के साथ बढ़ सकती है लॉकडाउन की समय सीमा

सुमित कुमार की रिपोर्ट

पटना: वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के मद्देनजर बिहार में लागू लॉकडाउन की अवधि एक बार फिर बढ़ाए जाने की संभावना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है, बताया जाता है कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सरकार में शामिल मंत्री, विधायक सहित विपक्ष के भी कई नेता फिलहाल अनलॉक के पक्ष में नहीं है। हालांकि कोरोना संक्रमण से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से कमी हो रही है। संक्रमण का प्रभाव भी कम होता जा रहा है। ऐसे में सरकार की चरणबद्ध तरीके से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने की योजना है।
विदित हो कि बिहार में विगत पांच मई से लॉकडाउन चल रहा है। इस एक महीने के लॉकडाउन में सरकार को काफी हद तक कोरोना पर काबू पाने में सफलता मिली है। कोरोना की रोकथाम के लिए चार चरणों में बिहार में लाॅकडाउन लग चुका है। चौथे चरण के लॉकडाउन की अवधि कल यानी 8 मई को समाप्त हो रही है। इसके पूर्व बिहार सरकार द्वारा पांचवें चरण के लाॅकडाउन की तैयारी की जा रही है। जानकारी के अनुसार मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार आज इस बारे में आगे के दिशा-निर्देश देते हुए लाॅकडाउन की समय सीमा एक सप्ताह के लिए बढ़ा सकते हैं। या फिर संभावना जताई जा रही है कि पांचवें चरण के लॉकडाउन में कुछ गतिविधियों में रियायत दी जा सकती है। वहीं, दुकानों के खुलने के समय में भी बढ़ोतरी संभव है।
जानकारी के मुताबिक इस दौरान प्रतिबंधों में ढील देने पर भी सरकार विचार कर रही है, ताकि लोगों को कम से कम परेशानियों का सामना करना पड़े।
आपको बता दें कि लॉकडाउन-4 की मियाद 8 जून यानी मंगलवार को समाप्त हो रही है। मंगलवार को ही राज्य आपदा प्रबंध समूह की बैठक भी होनेवाली है। इसके बाद प्रतिबंधों में ढील दिए जाने को लेकर अंतिम निर्णय लिए जाने की संभावना है।
विदित हो कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार ने पांच मई से बिहार में लॉकडाउन लगा रखा है। लॉकडाउन का प्रथम चरण 15 मई तक था, बाद में इसे 25 मई तक बढ़ाया गया, हालात की सीमाक्षा के बाद सरकार ने एक सप्ताह तक इसे फिर बढ़ाने का निर्णय लिया, पुनः दो से आठ जून तक के लिए लॉकडाउन-4 लागू किया गया, जो मंगलवार तक प्रभावी है,
हालांकि लॉकडाउन-4 की तुलना में लॉकडाउन-5 के दौरान प्रतिबंधों में कुछ अतिरिक्त ढील दिए जाने की संभावना है।
जैसा कि ज्ञात है, अभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानों को सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है। माना जा रहा है कि लाॅकडाउन- पांच में समय सीमा को बढ़ाया जाएगा। दुकानें शाम चार बजे या उसके बाद तक खोलने की अनुमति दी जा सकती है। यह भी माना जा रहा है कि एक दिन बीच कर दुकानों को खोलने की अनुमति मिलेगी। वहीं, बसों और सार्वजनिक परिवहन से जुड़ी अन्य सेवाओं में क्षमता के 50 प्रतिशत लोगों को ही सफर की अनुमति होगी। इसमें फेरबदल की उम्मीद फिलहाल नहीं है। वहीं, दिन में निजी वाहनों से आने-जाने पर छूट मिल सकती है। लॉकडाउन-पांच में सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ निजी कार्यालयों के भी पूरी तरह खुलने के आसार हैं। हालांकि कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित होगी।
कोरोना संक्रमण के मामले की रोकथाम के लिए निर्धारित कुछ पाबंदियों को आगे भी जारी रखने की संभावना है।
राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण दर को कम करने में काफी मदद मिली है। पांच मई को जब बिहार में पहली बार लॉकडाउन लगाया गया था, उस समय कोरोना संक्रमण की दर 15.57 प्रतिशत थी। वहीं, 15 मई को यह घटकर 6.65 प्रतिशत और 20 मई को 4.19 प्रतिशत पर पहुंच गयी। 27 मई को राज्य में संक्रमण दर 2.10 प्रतिशत था। यह घटकर 28 मई को इससे भी नीचे 1.93 प्रतिशत पर पहुंच गया। छह जून (रविवार) को कोरोना की संक्रमण दर 0.84 प्रतिशत पर पहुंच गयी। कोरोना संक्रमण की दर में तेजी से हो रही गिरावट शुभ संकेत है। राज्य सरकार इसे शून्य प्रतिशत पर लाने के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में बिहार सरकार की पहल सराहनीय है। ऐसे में एक बार फिर से एक सप्ताह के लिए बिहार सरकार की ओर से लॉकडाउन लगाने का निर्णय तर्कसंगत जान पड़ता है.