शिक्षा, समानता और न्याय के पुजारी थे बाबा साहब:-प्रकाश पटवा

शिक्षा, समानता और न्याय के पुजारी थे बाबा साहब

शिक्षा, समानता और न्याय के पुजारी थे बाबा साहब:-प्रकाश  पटवा

गयाl जिला अध्यक्ष जदयू व्यवसाय एवं उद्योग प्रकोष्ठ प्रकाश राम पटवा ने कहा कि आदरणीय मंच, उपस्थित महानुभावों, और मेरे प्रिय साथियों,आज अंबेडकर जयंती के अवसर पर बाबा साहब के पद चिन्ह पर बिहार के मुख्यमंत्री से नीतीश कुमार चल कर आज सभी वर्गों के लिए कार्य कर रहे है । हम सब यहां एक महान राष्ट्रनिर्माता, संविधान शिल्पी, सामाजिक न्याय के योद्धा और करोड़ों शोषितों की आवाज़—भारत रत्न डॉ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। बाबा साहब का जीवन संघर्ष, साहस और समर्पण की अनुपम मिसाल है। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में शिक्षा प्राप्त की, और न सिर्फ खुद को स्थापित किया, बल्कि समाज के उन तबकों को आवाज़ दी जिन्हें सदियों से दबाया और कुचला गया था। उन्होंने हमें सिखाया कि शिक्षा ही सबसे बड़ा हथियार है, और समानता ही किसी राष्ट्र की असली पहचान। डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान की रचना कर केवल कानून नहीं दिया, बल्कि एक ऐसा मार्गदर्शन प्रदान किया जिसमें हर नागरिक के अधिकार, स्वतंत्रता और गरिमा सुरक्षित है। उन्होंने महिलाओं को, दलितों को, पिछड़े वर्गों को वो पहचान दिलाई जिसका वे सदियों से सपना देख रहे थे। उनका यह अमर वाक्य—"शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो"—आज भी हर युवा के लिए एक मंत्र है।हम सबका कर्तव्य है कि हम बाबा साहब के दिखाए रास्ते पर चलें और एक ऐसे भारत के निर्माण में भागीदार बनें, जहाँ न भेदभाव हो, न अन्याय—बल्कि हो समानता, समरसता और न्याय का उजाला।