‘साहित्य कुसुमाकर सम्मान’ से सम्मानित हुए सुनील सौरभ कई मंचों पर हो चुके हैं सम्मानित

‘साहित्य कुसुमाकर सम्मान’ से सम्मानित हुए सुनील सौरभ कई मंचों पर हो चुके हैं सम्मानित

गया : बिहार के जाने-माने पत्रकार और साहित्यकार सुनील सौरभ को हिंदी भाषा और साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान के लिए ‘साहित्य कुसुमाकर सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यकार स्व.भगवती प्रसाद देवपुरा की स्मृति में साहित्य मंडल ,नाथद्वारा की ओर से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रभाषा हिन्दी सेवी सम्मान समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार श्री सौरभ को यह सम्मान राजस्थान के चर्चित साहित्यकार और ब्रजभाषा अकादमी, राजस्थान के पूर्व सचिव विट्ठल जी पारीक द्वारा दिया गया। सम्मान पत्र के साथ श्री सौरभ को मेवाड़ पगड़ी, श्रीफल, कलम, भगवान श्रीनाथ की छवि एवं अंग वस्त्र दिया गया।
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सी पी जोशी थे।

वरिष्ठ पत्रकार सुनील सौरभ ने न केवल पत्रकारिता के उच्च मापदंड को बरकरार रखा, बल्कि साहित्य में भी अपनी दिलचस्पी बरकरार रखी। ज्वलंत और समसामयिक मुद्दों पर लगातार अपनी कलम चलाने वाले वरिष्ठ पत्रकार श्री सौरभ देश के विभिन्न अखबारों में छपते रहे हैं।

श्री सौरभ की तीन काव्य संग्रह सहित छह पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है, जिसमें ‘गया: जहाँ इतिहास बोलता है’ का प्रकाशन राजभाषा विभाग, बिहार, पटना के अंशानुदान से हुआ है। ‘मोक्ष धाम गयाजी’ (धार्मिक पुस्तक), ‘बिहार के सूर्य मंदिर’ (शोध पुस्तक) के साथ ही काव्य संग्रह ‘अतीत की पगडंडियों पर’, ‘मैं सपने बुनता हूँ’ और ‘चाँद, चाँदनी और मैं’ के रचयिता श्री सौरभ को पहले भी कई मंचों से सम्मानित किया जा चुका है।

पत्रकारिता में विशिष्ट योगदान के लिए बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, पटना द्वारा पत्रकारिता श्री अवार्ड एवं वीरभाषा हिंदी साहित्यपीठ, मुरादाबाद द्वारा पत्रकारिता रत्न सम्मान-2019, सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दे पर लेखन के लिए माजा कोईन जर्नलिस्ट अवार्ड, साहित्य के उच्च मापदण्ड को बरकरार रखने के लिए वीरभाषा हिंदी साहित्यपीठ, उत्तर प्रदेश द्वारा ज्ञान रत्न-2018 आदि सम्मानों से सम्मानित श्री सौरभ को कई बार स्थानीय मंच पर भी सम्मानित किया जा चुका है।