अनुकरणीय है आईएएस अधिकारी राजेश कुमार शर्मा की कार्यशैली
रांची/चक्रधरपुर। विधायिका के साथ बेहतर समन्वय बनाए रखते हुए जनहित के कार्यों का त्वरित निष्पादन कार्यपालिका का दायित्व होता है। इन दायित्वों का बखूबी निर्वहन करने में सफल हो रहे हैं भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 2003 बैच के कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी राजेश कुमार शर्मा। श्री शर्मा फिलवक्त शिक्षा विभाग के सचिव पद पर कार्यरत हैं। हाल ही में उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया है। वे जहां भी पदस्थापित रहे, अपनी कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी के बलबूते जनता के बीच एक विशिष्ट पहचान स्थापित करने में सफल रहे। जनहित के कार्यों को तवज्जो देते हुए प्रशासनिक कार्यों का बखूबी निर्वहन उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहता है। श्री शर्मा पाकुड़, सरायकेला खरसावां, कोडरमा, खूंटी, गोड्डा में उपायुक्त के पद पर कार्यरत रहे हैं। वे सूडा के निदेशक, कृषि निदेशक, निबंधक, (सहयोग समितियां) के पद पर भी सेवारत रहे हैं। प्रशासनिक कार्यों का बखूबी निर्वहन करने में सक्षम और सफल अधिकारी के रूप में सूबे में उनकी एक विशिष्ट पहचान है। एक कुशल व कर्मठ प्रशासनिक अधिकारी के अलावा श्री शर्मा मानवता की सेवा के प्रति समर्पित शख्सियत हैं। सरायकेला खरसावां में उपायुक्त पद पर रहते हुए उन्होंने मानव सेवा की मिसाल पेश की। वहां आयोजित रक्तदान शिविर में अपने माता-पिता के साथ पहुंचकर न सिर्फ स्वयं रक्तदान किया, बल्कि लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित भी किया।
खूंटी में बतौर प्रशासनिक अधिकारी (उपायुक्त) उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब उनका स्थानांतरण हुआ, तो खूंटी की जनता ने सड़कों पर उतरकर उनके स्थानांतरण का विरोध करते हुए उन्हें खूंटी में ही पदस्थापित करने की सरकार से मांग की। किसी प्रशासनिक अधिकारी के तबादले पर जनता सड़कों पर उतर आए, ऐसा विरले ही देखने को मिलता है।
यह सरकार और प्रशासन के प्रति जनता के अटूट विश्वास का परिचायक है।
बहरहाल, फिलहाल राजेश कुमार शर्मा शिक्षा विभाग में सचिव के पद पर आसीन हैं। आशा जताई जा रही है कि उनकी उत्कृष्ट कार्यशैली से शिक्षा विभाग ऊंचाइयों के मुकाम तक पहुंचने में सफल होगा। विभागीय योजनाओं को गति मिलेगी।