वीरेन्द्र भगत का असामयिक निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति : सुबोधकांत सहाय
रांची। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने आदिवासी समुदाय के सर्वमान्य प्रतिनिधि व जाने-माने समाजसेवी वीरेन्द्र भगत के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपनी शोक संवेदना में कहा कि स्व.भगत आदिवासी संस्कृति के संरक्षण व संवर्द्धन के साथ-साथ आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए सतत प्रयासरत रहे। सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता के अलावा एक धर्मगुरु के रूप में भी उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की थी। मृदुभाषी व मिलनसार स्वभाव के स्व.भगत सभी वर्गों के लोगों के बीच लोकप्रिय थे। उनके असामयिक निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है,जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है।
श्री सहाय ने स्व.भगत की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की और दुःख की घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करने की कामना की।