लैंड स्कैम मामला : राँची के पूर्व डीसी छवि रंजन को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, जमानत देने से इंकार
रांची के बरियातु इलाके में 4.55 एकड़ सेना की जमीन को बेचने में कथित रूप से संलिप्तता के लिए चार मई को शहर में कई जगह छापेमारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राँची के पूर्व DC छवि रंजन को गिरफ्तार किया था।
उच्चतम न्यायालय ने रांची में सेना की जमीन की बिक्री से जुड़े एक मामले में शहर के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन की जमानत याचिका को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की पीठ ने कहा कि वह पिछले वर्ष अक्टूबर में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा खारिज की गई जमानत के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है।
छवि रंजन की ओर से सिनीयर एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल और एडवोकेट अभिषेक चौधरी ने बहस की। छवि रंजन ने जिस केस में डिफॉल्ट बेल के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, वह चेशायर होम रोड स्थित भूखंड की खरीद-बिक्री में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में ED ने केस दर्ज किया है। छवि रंजन फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें डिफॉल्ट बेल देने से रांची ED की स्पेशल कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट ने पहले ही इनकार कर दिया है
बता दें कि रांची के बरियातु इलाके में 4.55 एकड़ सेना की जमीन को बेचने में कथित रूप से संलिप्तता के लिए चार मई को शहर में कई जगह छापेमारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रंजन को गिरफ्तार किया था।
वहीं दूसरी तरफ़ चेशायर होम रोड भूमि घोटाला मामले को लेकर PMLA कोर्ट में पूर्व DC छवि रंजन और विष्णु अग्रवाल की याचिका पर 12 अगस्त को सुनवाई होनी है। बता दें कि चेशायर होम रोड की ज़मीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री से जुड़े लैंड स्कैम केस में रांची के पूर्व DC छवि रंजन और न्यूक्लियस मॉल के मालिक व्यवसायी विष्णु अग्रवाल को ईडी की ओऱ से आरोपी बनाया गया है। दोनों ने कोर्ट में डिस्चार्ज पिटीशन दाखिल की है। इसपर कल यानी 29 जुलाई को PMLA (प्रीवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की विशेष अदालत में सुनवाई हुई थी।
जमीन का बाजार मूल्य 161.64 करोड़ रुपये
ईडी ने पिछले महीने कहा था कि रांची में चेशायर होम रोड, पुगरू और सिरम स्थित तीन भूखंडों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कुर्क किया गया है, जिनकी बाजार में कीमत 161.64 करोड़ रुपये है। ईडी ने कहा कि इन जमीनों को ‘भूमि राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से भूमि माफिया को धोखाधड़ी से बेच दिया गया।’
आरोप पत्र दायर नहीं होने पर जमानत की अपील
ईडी ने आरोप लगाया कि ‘झारखंड में माफिया की ओर से भूमि के स्वामित्व को अवैध तरीके से हासिल करने का एक बड़ा गिरोह चल रहा है’। छवि रंजन ने निर्धारित समय के भीतर आरोपपत्र दायर नहीं करने के आधार पर जमानत का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि जांच एजेंसी की ओर से जांच को पूरा करने में कोई विसंगति नहीं की गई है और एक आरोपपत्र पहले ही दायर किया जा चुका है और इसलिए इस आधार पर जमानत का कोई मतलब नहीं है।
लैंड स्कैम केस में अब तक 14 की गिरफ्तारी
लैंड स्कैम मामले में ED ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। रंजन 2011 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं और इससे पहले राज्य समाज कल्याण विभाग के निदेशक रह चुके हैं।