ग्रामीण कार्य विभाग की घोर लापरवाही, ग्रामीण पथ योजना की राशि से दूसरी जगह बना दिया सड़क

गांव को पक्की सड़क से जोड़ने वाली योजना की राशि से दूसरी जगह बना दिया गया । ग्रामीणों की शिकायत पर विधायक ने लिया सड़क का जायजा, अभियंता को लगाई फटकार ।

ग्रामीण कार्य विभाग की घोर लापरवाही, ग्रामीण पथ योजना की राशि से दूसरी जगह बना दिया सड़क

बाराचट्टी/गया से श्याम सुंदर की रिपोर्ट

गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने वाली योजना की राशि से एक कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा दूसरी ओर सड़क बना दिए जाने के मामले में बाराचट्टी की विधायक ज्योति मांझी आज उक्त सड़क का जायजा लेने पहुंची । ग्रामीणों की शिकायत पर जायजा लेने पहुँची स्थानीय विधायक समेत कनीय अभियंता को भी फजीहत उठाना पड़ा । विदित हो कि मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में ग्राम तेतरिया से दहियार तक 4.6 कि.मी. लम्बी सड़क को 151.122 लाख की लागत से बनाई जानी थी , जो जीटी रोड गुलसकरी नदी के तट से ग्राम कलऊआ होते हुए नीमा तक बनाई गई है । जबकि तेतरिया से दहियार तक सड़क बना ही नहीं है। ठीक इसी तरह ग्राम पंचायत सरवा के ग्राम बेलहरिया से मनिचक तक सड़क बनना था पर बना ही नहीं । इस रोड के नाम पर दूसरी जगह सड़क बनाकर सरकार की नजर में दिखा दिया गया है।

Gross negligence of rural works department, road made to another place with the amount of rural path scheme

ग्रामीण कार्य विभाग (प्रमंडल शेरघाटी) ने 0.706 किलोमीटर लम्बी सड़क को लगभग 41.40 लाख की लागत से बनाया है । योजना के अनुसार बनने वाली सड़क की लंबाई डेढ़ किलोमीटर बताई गई है । जिसको लेकर ग्रामीणों को काफी फजीहत उठानी पड़ रही है । इस आशय की चर्चा जब मीडिया में आई तो विभागीय अधिकारी हरकत में आ गए हैं । इसी के मद्देनजर स्थानीय विधायक ज्योति मांझी भी उक्त सड़क को देखने पहुंची जिनके साथ कनीय अभियंता समेत अन्य लोग उपस्थित थे। इस दौरान उन्हें ग्रामीणों का आक्रोश भी झेलना पड़ा।

Gross negligence of rural works department, road made to another place with the amount of rural path scheme

इधर कनीय अभियंता रामवीर कुमार ने बताया कि ठीक इसी तरह से 2011-12 में बनी इस सड़क का नामकरण तेतरिया से दहियार ही था ।इसी के आधार पर पुनः इस सड़क का जीर्णोद्धार किया गया है। सवाल है जब इस तरह की गलती पूर्व में भी हो चुकी है तो दूसरी बार भी ऐसी गलती कर सरकारी राजस्व को बड़े पैमाने पर चुना लगाया गया है ,जो हैरतअंगेज है। मामले पर कार्यपालक अभियंता लगातार अपना बयान बदलते रहे हैं ।