अब ऑनलाइन होगी जमीन की खरीद-बिक्री,बिचौलियों पर लगेगा लगाम,राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग कर रहा है तैयारी
जमीन के मालिक सरकारी वेबसाइट पर अपनी जमीन की जानकारी डालेंगे और खरीददार वहीं से अपने पसंद को देखते हुए जमीन मालिक से संपर्क कर सकेंगे।
पटना:
बिहार में अब जमीन की खरीद-बिक्री ऑनलाइन होगी। बिहार सरकार का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग एक वेबसाइट बना रहा है ,जिसके सहारे प्रदेश में कहीं भी जमीन की खरीद बिक्री की जा सकेगी। जमीन के मालिक सरकारी वेबसाइट पर अपनी जमीन की जानकारी डालेंगे और खरीददार वहीं से अपने पसंद को देखते हुए जमीन मालिक से संपर्क कर सकेंगे। बिचौलिये और दलालों पर लगाम लगाने में बिहार सरकार का यह बेहतर कदम साबित होगा।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ऑनलाइन जमीन की खरीद-बिक्री के प्रस्ताव को तैयार कर रहा है। विभाग के सरकारी वेबसाइट पर अब भूस्वामी अपनी उस जमीन का ब्योरा डालेंगे जिस जमीन को वो बेचना चाहते हैं।ज़मीन ख़रीदनेवाले खरीददार भी इसी वेबसाइट के माध्यम से अपने जगह और पसंद के हिसाब से जमीन की खोज कर सकेंगे। राजस्व और भूमि सुधार विभाग के प्रस्ताव पर सरकार की सहमति होते ही यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी।
ज़मीन की क़ीमत सहित संपूर्ण ब्योरा रहेगा वेबसाइट में
सरकारी वेबसाइट के माध्यम से जमीन खरीदने से पहले खरीददार को उस जमीन की सारी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी, जिस जमीन को वो ख़रीदना चाहते हैं। जमीन के ब्योरे की सत्यता और उसकी वैधानिक स्थिति को भी ऑनलाइन जांचा जा सकेगा। वहीं ऑनलाइन रिकॉर्ड के माध्यम से जमीन की सही कीमत का भी पता चल सकेगा। विक्रेता और खरीददार के बीच में ज़मीन की क़ीमत को लेकर आपसी सहमति बन पाएगी । दस्तावेजों और इस वेबसाइट के माध्यम से ज़मीन/भूमि के सरकारी दर का आंकलन आसानी से हो सकेगा।
बिचौलियों और दलालों पर लगेगा लगाम
बिहार सरकार के इस नये पहल से अब प्रॉपर्टी की खरीद में बिचौलियों और दलालों को दूर किया जा सकेगा । जमीन विक्रेता और खरीददार दोनों एक दूसरे से सीधे संपर्क में आ सकेंगे। बड़े पैमाने पर जमीन खरीद में होने वाले फर्जीवाड़े से भी निजात मिलेगी। गौरतलब है कि बिहार में जमीन खरीद के मामले में ज़्यादातर आपराधिक घटनाएं ठगी और बिचौलिये के कारण होती है। ज़मीन मालिक और ख़रीदार के बीच सीधे संपर्क नहीं होने के कारण बिचौलिये इसका लाभ उठा ले जाते थे। इस नयी व्यवस्था के लागू होने से ख़रीदार की समस्या तो कम होगी ही साथ ही ज़मीन से जुड़े आपराधिक घटनाओं पर भी अंकुश लग सकेगा।