गया (मानपुर)। प्रकाश राम पटवा बुनकर नेता सह व्यापार उद्योग जदयू प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष ने कहा इस योजना के अंतर्गत पांच दिन का सामान्य अर्थात् बेसिक प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा.विपणन व्यवस्था : शिल्पकारों व दस्तकारों के सिमटने का एक मुख्य कारण उनके उत्पादों की कमजोर विपणन व्यवस्था रही है. पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कारीगरों व शिल्पकारों के लिये टिकाऊ बाजार और व्यापक विपणन तंत्र मुहैया कराया जाना है. कहने का मतलब यह है कि तैयार उत्पादों के लिए क्वालिटी सर्टिफिकेशन, ब्रांडिंग व विज्ञापन आदि जैसी मार्केटिंग सुविधा भी उपलब्ध करायी जाएगी. हुनर – हाट, हस्तशिल्प व उपहार मेला और एक जिला-एक उत्पाद आदि से सम्बद्ध किया जाना है जो उनके उत्पाद को बड़ा बाजार उपलब्ध कराएगी. इसके आलावा देशी ई-कॉमर्स मंच ओपन नेटवर्क डेवलपमेंट कारपोरेशन से भी सम्बद्ध किया जाना है. साथ ही सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा संचालित ‘जीरो डिफेक्ट- जीरो इफेक्ट’ योजना से इन कारीगरों व शिल्पकारों की सम्बद्धता से इनके उत्पादों की गुणवता में वृद्धि होगी जिससे इनके कारोबार में आशातीत वृद्धि हो सकेगी. लाभुकों का चयन : लाभुकों की पहचान ग्राम पंचायत, जिला व राज्य स्तर पर किया जाना है. आवेदन : इच्छुक व पात्र कारीगर या शिल्पकार पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर नागरिक सेवा केन्द्रों जैसे कॉमन सर्विस सेण्टर (सीएससी) के जरिये बायोमेट्रिक आधारित निशुल्क पंजीयन करा सकते हैं. आवेदन के समय अपना आधार कार्ड, बैंक अकाउंट, राशन कार्ड व मोबाइल नंबर देना होगा. आवेदन के साथ इस आशय का शपथ पत्र भी देना होगा कि परिवार के अन्य सदस्य ने इस योजना का अथवा इससे मिलती-जुलती योजना का लाभ नहीं उठाया है. पंजीकरण के पश्चात् उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और एक पहचान पत्र प्रदान किया जायेगा. तो अब आप भलीभांति समझ गएँ होगें कि पीएम विश्वकर्मा योजना के द्वारा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आर्थिक विषमता दूर करने व सामाजिक समरसता पैदा करने की भरपूर कोशिश की गई है।