एनएसयूआई ने की छात्र सत्याग्रह की शुरुआत

केंद्र सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

एनएसयूआई ने की छात्र सत्याग्रह की शुरुआत

रांची। छात्र संगठन एनएसयूआई की झारखंड इकाई के प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह के नेतृत्व में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ के मौके पर अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव की प्रतिमा के समक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ प्लेकार्डस ले कर प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही एनएसयूआई की ओर से छात्र सत्याग्रह की शुरुआत की गई। केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। इंदरजीत सिंह ने बताया कि एनएसयूआई की तीन मांगें हैं, जिनमें नई शिक्षा नीति के तहत निजीकरण को बढ़ावा देनेवाले बिन्दुओं पर पुनर्विचार करना, छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए कोरोना काल मे परीक्षाएं आयोजित न हो और लॉकडाउन व आर्थिक मंदी के चलते छात्रों की एक सेमेस्टर की फीस माफ करने की मांग शामिल है।
मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति का एनएसयूआई विरोध करती है। उन्होंने इसे भारतीय शिक्षा पद्धति को बर्बाद करने का एकतरफा अभियान बताया। कहा कि नई शिक्षा नीति शिक्षा के बाजारीकरण की ओर पहला कदम है। यह एकतरफा फैसला भारतीय शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने के लिए लिया गया है। इस नीति से भारतीय शिक्षा का केंद्रीकरण, सांप्रदायिकता और व्यवसायीकरण बढ़ेगा। इसपर पुनर्विचार किया जाए। इस अवसर पर एनएसयूआई की राष्ट्रीय सोशल मीडिया संयोजक आरुषि वंदना ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में छात्र परीक्षा कैसे दे सकते हैं। भारत में कोरोना के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। कोई भी परिवहन सुविधा और हॉस्टल सुविधा नहीं है। छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने परीक्षा रद्द करने और छात्रों को प्रोमोट करने की मांग की। छात्र नेता प्रणव राज ने कहा कि इस वैश्विक महामारी कोरोना काल में सबकी स्थिति दयनीय हो गयी है, लोगों के पास खाने को पैसे नही हैं,लेकिन स्कूल कॉलेज प्रबंधन फीस लेने पर आमादा हैं। उन्होंने कोरोना संक्रमण काल की अवधि का फीस माफ करने की मांग रखी। राष्ट्रीय प्रतिनिधि नुसरत परवीन ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नही होती, एनएसयूआई का प्रदर्शन जारी रहेगा। केंद्र सरकार को छात्र हित में फैसला लेना होगा। छात्रा नंदिनी गुप्ता ने कहा कि इस महामारी के काल में सभी परीक्षाएं रद्द कर दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष की परीक्षा को रद्द कर छात्रों को प्रोमोट करने की दिशा में कदम उठाया जाय।
मौके पर रवि शंकर,आकाश रजवार,प्रणव राज,अमन यादव, आदित्य शर्मा,आनंद झा, अंकित श्रीवास्तव,राहुल महतो, भीम यादव, रंजन, अज़हर, मिहिर कुमार, सौरव सहित काफी संख्या में एनएसयूआई के सदस्य मौजूद थे।