आयुष चिकित्सालयों को संसाधनयुक्त करे सरकार : एनके यादव
रांची। नागरिक अधिकार पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा है कि राज्य में आयुष चिकित्सालयों की स्थिति अच्छी नहीं है। सरकार ने जिलों में आयुष अस्पतालों की स्थापना तो कर दी है, लेकिन इन अस्पतालों में चिकित्सकों सहित अन्य सुविधाओं का घोर अभाव है। राज्य के कई आयुष चिकित्सालय बदहाल हैं। आयुष चिकित्सा पद्धति (आयुर्वेदिक,यूनानी और होम्योपैथिक) के प्रति प्रशासनिक उदासीनता के कारण राज्य की जनता को इन चिकित्सालयों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड में आयुष चिकित्सालयों की सेहत सुधारने की नितांत आवश्यकता है। वर्तमान समय में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण होम्योपैथिक, यूनानी और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की भी मांग बढ़ी है। इन चिकित्सा पद्धतियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से संबंधित विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों से निर्मित औषधियां उपलब्ध है। कोरोना संक्रमित कई मरीज आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति से लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव में आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की कई औषधियां काफी कारगर साबित हुई हैं। इन औषधियों की मांग भी बढ़ रही है। श्री यादव ने कहा कि झारखंड जैसे वनाच्छादित प्रदेश में, जहां जड़ी-बूटियों की भरमार है, औषधीय पौधे भी जंगलों में काफी बड़े पैमाने पर उपलब्ध हैं। सुदूरवर्ती वनाच्छादित गांवों में आदिकाल से लोग आयुर्वेदिक औषधियों का सहारा लेते आ रहे हैं। ऐसे में यहां आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा को महत्व देना और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करना आवश्यक प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के मद्देनजर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में सक्षम होम्योपैथिक औषधि आर्सेनिक अल्बम-30 सहित अन्य औषधियां भी काफी कारगर साबित हो रही है। सरकार ने राज्य में करोड़ों रुपए की लागत से आयुष चिकित्सालयों की स्थापना तो कर दी है, लेकिन संसाधनविहीन होने के कारण इन अस्पतालों से मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। राज्य के अधिकतर जिलों के आयुष अस्पतालों में आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्सकों की कमी है। उन्होंने राज्य सरकार से आयुष चिकित्सकों की बहाली करने और अस्पतालों को संसाधनयुक्त कर आयुष चिकित्सालयों की स्थिति में सुधार लाने की मांग की है।