जिला स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेवारी तय करे सरकार : चेंबर
रांची। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन प्रदेश स्तर पर हो, इस हेतु विभागीय पदाधिकारियों एवं स्टेकोल्डर्स के बीच नियमित बैठकों के आयोजन हेतु झारखण्ड चैंबर ऑफ़ काॅमर्स द्वारा नगर विकास, उद्योग विभाग एवं डीजीपी को पत्र प्रेषित किया गया। चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि यदि जिला स्तर पर विभाग एवं स्टेकहोल्डर्स की बैठकें आयोजित हों, तब निश्चित ही सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं। चैंबर द्वारा नगर विकास विभाग को प्रेषित पत्र में यह सुझाया गया कि ट्रेड लाइसेंस और होल्डिंग टैक्स कैंप (बिना विलंब शुल्क या अर्थदंड के) का आयोजन राज्य के प्रत्येक जिलों में किया जाय। होर्डिंग्स एवं विज्ञापन शुल्क वसूली में प्रत्येक नगर निगम और नगर परिषद् में पारदर्शिता लाने की पहल हो। सिटी ग्रेड के अनुसार दर निर्धारण की आवश्यकता है। क्योंकि वर्तमान में इसके दर निर्धारण की कोई निश्चित और पारदर्शी रेगुलेशन राज्य में उपलब्ध नहीं है। चैंबर अध्यक्ष ने यह भी सुझाया कि देवघर नगर निगम में खाली जमीनों पर होल्डिंग के लिए तीन महीने का स्पेशल ड्राइव चलाया जाय ताकि जो होल्डिंग लेने से चूक गये हैं तथा बडे पेनाल्टी चार्ज के कारण आगे नहीं आ रहे, उन सबका भी होल्डिंग जो जाय। ऐसा प्रयास राज्य के प्रत्येक जिलों में हो, इससे निगम के राजस्व में भी वृद्धि होगी। इसी प्रकार प्रत्येक नगर निगम और नगर परिषद् में एक सलाहकार एवं निगरानी समिति का गठन हो जिसमें फेडरेशन चैंबर और स्थानीय चैंबर ऑफ काॅमर्स के अधिकारियों का निश्चित प्रतिनिधित्व हो।
उद्योग विभाग को प्रेषित किये गये पत्र में चैंबर अध्यक्ष ने यह सुझाया कि जिला स्तरीय उद्योग समीक्षात्मक बैठक में झारखण्ड चैंबर और जिलों में स्थापित स्थानीय चैंबर का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो ताकि उद्योग-व्यापार के समक्ष आ रही वास्तविक समस्याओं को सामने लाया जा सके। प्रत्येक जिला स्तरीय बैंकिंग कमिटी में फेडरेशन चैंबर का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के साथ ही जियाडा तथा इसके क्षेत्रीय कार्यालयों के सुगम संचालन हेतु फेडरेशन चैंबर के प्रतिनिधित्व से एक गवर्निंग बाॅडी बनाई जाय ताकि औद्योगिक विकास से चैंबर का प्रत्यक्ष नाता हो। इसी प्रकार मुख्यालय स्तर पर सचिव उद्योग की अध्यक्षता में फेडरेशन चैंबर के प्रतिनिधियों के साथ त्रैमासिक बैठक आयोजित की जाय ताकि उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित निदान हो सके।
राज्य की विधि-व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए चैंबर अध्यक्ष ने डीजीपी को पत्र प्रेषित कर कहा कि पूर्व में तत्कालीन पुलिस महानिदेशक द्वारा वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस अधीक्षक एवं जिले के व्यापारियों की उपस्थिति में जिलावार लाॅ एण्ड आर्डर की समीक्षा की व्यवस्था विकसित की गई थी जिसके कई सकारात्मक परिणाम आए थे। यह आग्रह किया गया कि प्रदेश में भयमुक्त माहौल विकसित करने हेतु राजधानी रांची के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में लाॅ एण्ड आर्डर की घटनाओं को नियंत्रित करने हेतु जिले के पुलिस अधीक्षक एवं व्यापारियों की उपस्थिति में लाॅ एण्ड आर्डर पर समीक्षा बैठक के आयोजन की पहल करें। इस दिशा में फेडरेशन चैंबर अपने सभी जिला चैंबर ऑफ काॅमर्स के सहयोगियों के साथ जिला पुलिस प्रशासन को अवश्य सहयोग करेगा।
बाक्स ::::
ट्रेड लाइसेंस हेतु दो दिवसीय कैंप संपन्न
झारखण्ड चैंबर ऑफ काॅमर्स और रांची नगर निगम के संयुक्त प्रयास से ट्रेड लाईसेंस बनाने तथा लाइसेंस रिन्यूअल हेतु दो दिवसीय कैंप का आयोजन आज चैंबर भवन में संपन्न हुआ। कैंप के दूसरे दिन भी दिन भर व्यापारियों की भीड रही। दो दिवसीय कैंप के माध्यम से नया एवं नवीनीकरण मिलाकर कुल 78 लाईसेंस का कार्य किया गया। आज भी कई व्यापारी दस्तावेजों के अभाव में लाईसेंस बनाने से वंचित रहे। उक्त जानकारी देते हुए आरएमसी उप समिति के चेयरमेन अमित शर्मा ने कहा कि व्यापारियों की मांग पर इस कैंप का आयोजन किया गया था, जिसमें अच्छी संख्या में व्यापारियों की उपस्थिति रही। पुनः इस कैंप का आयोजन 1 दिसंबर को थोक विके्रता संघ के कार्यालय अपर बाजार में आयोजित किया जायेगा।
ट्रेड लाईसेंस बनाने में जरूरी अत्यधिक दस्तावेजों की मांग करने पर चैंबर उपाध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इतने दस्तावेजों को प्रस्तुत कर पाना किसी के लिए संभव नहीं है। दस्तावेजों के अभाव में कई व्यापारी लाईसेंस नहीं बना पा रहे हैं जिससे व्यापारियों को परेशानी तो है ही, निगम को भी राजस्व की हानि हो रही है। बिना लाइसेंस दुकानें सील करने के निगम के निर्देश पर उन्होंने कहा कि कोविड काल में व्यापारी ऐसे ही परेशान हैं, ऐसे में उचित होगा कि दुकानें सील नहीं करके, ऑन द स्पाॅट निगम द्वारा व्यापारी का लाईसेंस बनाकर दे दिया जाय। इससे व्यापारी अपने व्यापार में संलग्न रहेंगे और निगम को भी अच्छी संख्या में राजस्व प्राप्त होगा।