प्रेरणास्रोत है स्वामी जी का जीवन
स्वामी विवेकानन्द की जीवन से अनेक क्रांतिकारियों ने भी प्रेरणा लेकर देश सेवा में अपनी जान लगा दी। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने उन्हें आधुनिक भारत के निर्माता की संज्ञा दी है।
रांची
नवल किशोर सिंह
भारतीय जनता मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष धर्मेंन्द्र तिवारी ने स्वामी विवेकानन्द जयन्ती के अवसर पर मंगलवार को डोरंडा के मेकाॅन चौक स्थित स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया एवं उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द भारतीय गौरव के परिचायक, युवा हृदय सम्राट, महान संत और दार्शनिक, बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। श्री तिवारी ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए हिन्दु धर्म के विषय पर पूरी दुनिया का नजरिया बदल दिया तथा अपने ज्ञान तथा ओजस्वी विचारों से विश्व को भारतीय दर्शन, हिन्दु धर्म योग, वेदांत सहित भारत की अतिथि देवो भवः, सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकार्यता से अवगत कराया।
वह एक ऐसे व्यक्ति थे, जिनके जीवन से हम सदैव कुछ न कुछ सीख ही सकते हैं, यही कारण है कि आज भी युवाओं में वे इतने लोकप्रिय बने हुए हैं। उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण से युक्त विचारों ने हमेशा लोगों को प्रेरित किया है और हमारी आनेवाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगा।
उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानन्द जैसे महापुरूष सैकड़ों वर्षों में एक बार ही जन्म लेते है। जो अपने जीवन के बाद भी लोगों को निरंतर सकारात्मक कार्य के लिए प्रेरित करते हैं। स्वामी विवेकानन्द की जीवन से अनेक क्रांतिकारियों ने भी प्रेरणा लेकर देश सेवा में अपनी जान लगा दी। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने उन्हें आधुनिक भारत के निर्माता की संज्ञा दी है।
श्री तिवारी ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि जिस प्रकार भिन्न-भिन्न नदियां अंत में समुद्र में ही मिलती है, उसी प्रकार विश्व के सभी धर्म अंत में ईश्वर तक ही हमें पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा था कि बिना सौहार्द तथा भाईचारे के भारत, विश्व तथा मानवता का पूर्ण विकास संभव नहीं है। इस अवसर पर डाॅ. ओम प्रकाश पांडेय, अशोक कुमार सिन्हा, रविन्द्र पटनायक, अशोक ठाकुर, दीपांकर कर्मकार, श्याम बिहारी नायक, अभिषेक सिंह सहित भारतीय जनता मोर्चा के अनेक पदाधिकारी एवं वरिष्ठ कार्यकर्ता मौजूद थे।