लावारिस जानवरों को भी उर्मिला यादव रोज देती है निवाला
रांची : लाॅकडाउन के दौरान लावारिस जानवरों पर शामत आ गई है। गली-मोहल्लों में विचरण करते खासकर लावारिस कुत्तों की परेशानियां बढ़ गई है। इसकी मुख्य वजह है लाॅकडाउन में सभी छोटे-बड़े होटलों और रेस्टोरेंट का बंद रहना। वहीं, लाॅकडाउन में घरों से बाहर फेंके जाने वाले जूठन की मात्रा में भी अप्रत्याशित कमी आई है। इसके कारण लावारिस कुत्तों, सड़कों पर छुट्टा घूमते बकरियों, गाय-बैल आदि के लिए खाने की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। इसे देखते हुए रांची नगर निगम वार्ड संख्या 41 की पार्षद और पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशील सामाजिक कार्यकर्ता उर्मिला यादव ने पशु-पक्षियों को भी प्रतिदिन निवाला देना शुरू कर दिया है। वह रोज लावारिस कुत्तों सहित अन्य पशु-पक्षियों के लिए निवाले का इंतजाम करतीं हैं। वह कभी घर की बनी रोटी,कभी बाजार से ब्रेड-बिस्कुट आदि लेकर अपने मुहल्ले व आसपास के इलाकों में सड़कों पर विचरण करते कुत्तों को खिलाती हैं। वहीं, उन्होंने पक्षियों को दाना डालने के लिए घर के बाहर एक जगह निर्धारित कर रखा है। वहां प्रतिदिन अनाज के दाने व अन्य फल-फूल और हरी सब्जियों के अंश रख देती हैं। दाना व अपना निवाला देखते ही पक्षियों का कलरव शुरू हो जाता है और दाना चुगने के लिए उस जगह पक्षियों का झुंड जमा हो जाता है। इसमें कबूतर, मैना, तोता सहित अन्य पक्षी शामिल रहते हैं। कमोबेश यही स्थिति लावारिस कुत्तों की है। उर्मिला यादव के हाथ में रोटी-सब्जी या ब्रेड, कुछ भी देखते ही कुत्तों का झुंड जमा होने लगता है। श्रीमती यादव कहती हैं कि लाॅकडाउन में लावारिस जानवरों को भोजन के लिए हो रही परेशानियों को देखते हुए उन्होंने निवाला देना शुरू किया। बेजुबान जानवरों की पीड़ा भांपकर उसके लिए भी निवाला उपलब्ध कराने में वे जुटी रहती हैं। पशुओं के प्रति उनका लगाव देखते ही बनता है। लावारिस कुत्तों व अन्य जानवरों को खाना खिलाना और उस क्षण जानवरों की भावनाओं का प्रदर्शन कौतूहल का केंद्र बन जाता है। उर्मिला यादव के पशु-पक्षियों के प्रति समर्पण की चहुंओर सराहना की जा रही है।