पेगासस पर सत्ता और विपक्ष के तेवर,जानिए मामले में सिलसिलेवार घटनाक्रम

पेगासस जासूसी कांड से सत्ता पक्ष घिरती हुई नज़र आ रही है, विपक्ष इस मामले में सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता।

पेगासस पर सत्ता और विपक्ष के तेवर,जानिए मामले में सिलसिलेवार घटनाक्रम

दिल्ली:

बीते सप्ताह हंगामेदार संसदीय कार्यकाल के बाद इस सप्ताह भी (पेगासस जासूसी कांड पर विपक्षी दलों की गोलबंदी से) संसद (Parliament) का शांतिपूर्ण चलना मुश्किल लग रहा है। पेगासस मामले में गतिरोध समाप्त करने की सरकार की पहल अभी तक नाकाम साबित हुई है। बुधवार को इस मुद्दे को लेकर लोकसभा में दिन भर हंगामा होता रहा और पांच बार संसदीय कार्यवाही स्थगित की गई।अंततः सदन को गुरुवार की सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया था । उधर राज्यसभा में भी विपक्ष ने पेगासस जासूसी मामले पर सरकार को घेरती दिखी और विपक्षी सांसदों ने सदन में कई बार हंगामा भी किया। लगातार हो रहे शोरगुल और हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी गुरुवार की सुबह तक के लिए रोक दी गई।

14 विपक्षी दल हुए एकजुट

महंगाई और किसानों के मुद्दे को लेकर विपक्ष पूरी तरह एकजुट हो गया है।कुल 14 विपक्षी दलों ने अपनी अहम बैठक के दौरान सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कहा कि इन महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे और सरकार को स्पष्ट जवाब देना होगा। विपक्ष के तेवर को देखते हुए माना जा रहा है कि सरकार के लिए मानसून सत्र के दौरान संसद को चलाना अब आसान नहीं होगा।

गतिरोध समाप्त करने की सरकार की हर कोशिस नाकाम

हथियार दरअसल पेगासस जासूसी कांड ने विपक्ष के हाथ में बड़ा हथियार दे दिया है। इस हथियार के जरिए विपक्ष , सरकार पर हमले का कोई मौका नहीं चूकना चाहता। यही कारण है कि विपक्ष ने इसे देश के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा बताते हुए सरकार की घेराबंदी कर रखी है। अभी तक इस मुद्दे पर गतिरोध समाप्त करने की सरकार की हर कोशिस नाकाम साबित होती दिख रही है।

14 विपक्षी दलों की बैठक

जहाँ राज्यसभा में संसदीय सत्र के पहले सप्ताह में सिर्फ 4 घंटे कामकाज हो हो सका वहीं दूसरी ओर लोकसभा में पूरा सप्ताह पेगासस को लेकर हंगामे की बलि चढ़ गया। अब जबकि 14 विपक्षी दलों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। ऐसे में संसद का चलना काफी मुश्किल माना जा रहा है। सरकार को घेरने की विपक्ष की रणनीति सदन के बाहर हुई 14 विपक्षी दलों की बैठक हुई । जिसमें महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की गई है। विपक्षी दलों के इस महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस के अलावा डीएमके, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, सीपीआई, सीपीएम, आम आदमी पार्टी, इंडियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, राष्ट्रीय समाज पार्टी, केरल कांग्रेस आदि दलों के नेता मौजूद थे।