गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा ने महान गुरुमति समागम के अवसर पर विशेष दीवान सजाया
रांची। दशम पातशाह श्रीगुरुगोविंद सिंह जी के साहिबज़ादे तथा माता गुजरी जी की शहादत को समर्पित महान गुरमति समागम के उपलक्ष्य में गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा द्वारा शनिवार को रात 8 बजे से विशेष दीवान सजाया गया।
सत्संग सभा द्वारा कृष्णा नगर कॉलोनी गुरुद्वारा साहिब में इस उपलक्ष्य में आज 26 दिसंबर, शनिवार रात को रात 8 वजे से दीवान सजाया गया.दीवान की शुरुआत स्त्री सतसंग सभा की शीतल मुंजाल द्वारा ” गुर सेवा ते भगत कमाई तब यह मानस देहि पाई, इस देहि को सिमरे देव सो देहि हर भज की सेव………” शबद गायन से हुई.हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह जी एवं साथियों ने रात 9:15 से 9:45 तक शबद गायन किया.
गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ज्ञानी जेविन्दर सिंह जी ने कथावाचन कर गुरुगोविंद सिंह जी के साहिबजादों एवं माता गुजरी की शहादत की गाथा सुनाई और साध संगत को बताया कि पंजाब के सरहंद में गुरुगोविंद सिंह जी के दो छोटे साहिबजादों को दीवार में चुनवा दिया गया था वहीं सिखों का ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब है.
विशेष रूप से शिरकत करने पहुंच रहे रागी जत्था भाई मंजीत सिंह जी,पठानकोट वाले ने
रात 11:00 वजे से 12.00 बजे तक ” हौ वारी मुख फेर प्यारे………..” तथा ” ऐसी मरनी जो मरै बहुर ना मरना होए,मरणे ते जगत डरे, जीविया लुढे कोए गुर प्रसाद जीवत मरे, हुकम बुझय सोय…….” एवं ” तुझ बिन अवर ना जांड़ा मेरे साहिबा………..” जैसे अनेक शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया.
श्रीअनंद साहिब जी के पाठ,अरदास,हुक्मनामा एवं कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ दीवान की समाप्ति रात 12.15 बजे हुई.रात 9.30 बजे से गुरु का अटूट लँगर चलाया गया.
सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि कल 27 दिसंबर,रविवार सुबह का दीवान सुबह 10.30 बजे से दोपहर 2 बजे तक तथा रात का दीवान शाम 6.30 बजे से रात 9 बजे तक सजाया जाएगा.इस मौके पर गुरुनानक सेवक जत्था द्वारा गुरुद्वारा साहिब के बेसमेंट में सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक रक्तदान शिविर भी लगाया जाएगा।