बेरोज़गारी और भुखमरी की दोहरी मार झेल रहे हैं झारखंड प्रतियोगी अभ्यर्थी ।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग नियोजन नीति के मामले का कोर्ट में लंबित होने का बहाना बना कर पंचायत सचिव बहाली का अंतिम मेधा सूची प्रकाशित नहीं कर रहा जबकि उसी नियोजन नीति (पत्रांक-5938) के तहत अन्य एजेन्सियों(DRDA) ने संविदा आधारित बहालियां इसी वर्ष में की हैं।
रांची
कोरोना महामारी में झारखंड प्रतियोगी अभ्यर्थियों की दोहरी मार झेल रहे हैं । प्रमाण पत्रों की जाँच हो चुकी , फिर भी अभी तक बेरोजगार हैं।
अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं हालांकि सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के कान में जू तक नहीं रेंग रहा है। इससे वे परेशान हैं। उम्र और समय दोनों निकला जा रहा है।
ज्ञात हो कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग नियोजन नीति के मामले का कोर्ट में लंबित होने का बहाना बना कर पंचायत सचिव बहाली का अंतिम मेधा सूची प्रकाशित नहीं कर रहा जबकि उसी नियोजन नीति (पत्रांक-5938) के तहत अन्य एजेन्सियों(DRDA) ने संविदा आधारित बहालियां इसी वर्ष में की हैं। अतः यह सिद्ध है कि सोनी कुमारी केस में हाई कोर्ट द्वारा केवल हाई स्कूल शिक्षकों की बहाली पर ही रोक लागू है, JSSC IS(CKHT)2017 परीक्षा के रिजल्ट प्रकाशन पर नहीं।
सरकार नियोजन नीति के बहाने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) दस्तावेज सत्यापन करने के 11 माह बाद भी करिब 5000 पंचायत सचीव अभ्यर्थियों का मेरिट लिस्ट जारी नहीं किया गया है।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने वर्ष 2017 में 3088 पदों के लिए विज्ञापन निकाला। इसमें 6 तरह के पोस्ट थे। दो तरह के पोस्ट जिला स्तर और चार तरह के पोस्ट राज्यस्तर के थे। पंचायत सचिव पद के लिए 50 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थी। इस वेकेंसी के लिए लिखित परीक्षा 21, 28 जनवरी और 4 फरवरी 2018 को हुई। सफल अभ्यर्थियों की स्किल और टाइपिंग टेस्ट 1 जुलाई से 8 जुलाई, 2019 तक हुई। उसके बाद इसमें सफल अभ्यर्थियों का डाक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन 27 अगस्त से 31 अगस्त और 3 सितंबर से 7 सितंबर, 2019 तक दो पालियों में किया गया। डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के 11 माह बीत जाने के बाद भी फाइनल मेरिट लिस्ट का प्रकाशन नहीं किया गया है।
50 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थी:
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने वर्ष 2017 में 3088 पदों के लिए विज्ञापन निकाला। इसमें 6 तरह के पोस्ट थे। दो तरह के पोस्ट जिला स्तर और चार तरह के पोस्ट राज्यस्तर के थे। पंचायत सचिव पद के लिए 50 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थी। इस वेकेंसी के लिए लिखित परीक्षा 21, 28 जनवरी और 4 फरवरी 2018 को हुई। सफल अभ्यर्थियों की स्किल और टाइपिंग टेस्ट 1 जुलाई से 8 जुलाई, 2019 तक हुई। उसके बाद इसमें सफल अभ्यर्थियों का डाक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन 27 अगस्त से 31 अगस्त और 3 सितंबर से 7 सितंबर, 2019 तक दो पालियों में किया गया। डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के 11 माह बीत जाने के बाद भी फाइनल मेरिट लिस्ट का प्रकाशन नहीं किया गया है।
पूर्व सरकार ने भी परीक्षा लेने में देर की थी :
अभ्यर्थियों ने कहा कि रघुवर सरकार परीक्षा को पूरा कराने में बेवजह देरी की। नई सरकार बने 6 महीना हो जाने के बाद भी अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। परीक्षार्थियों का कहना है कि आयोग से रिजल्ट के बारे में पूछे जाने पर जवाब मिलता है कि नियोजन नीति (संख्या 5938) पर झारखंड हाईकोर्ट की तरफ से स्टे लगा हुआ है। इसलिए मेरिट लिस्ट का प्रकाशन नहीं हो रहा है पर हकीकत यह है कि न्यायालय ने पंचायत सचिव के बहाली पर कोई रोक नहीं लगाई है बल्कि बहस के दौरान जज महोदय ने स्पष्ट रूप से कहा कि अनारक्षित जिलों की नियुक्ति पर कोई रोक नहीं लगाई न ही बहाली पर कोई रोक है।
“बदलो सरकार पाओ अधिकार – नियुक्ति 6 महीना के अंदर” – कहीं ये वादा भूल तो नही गए !
महसूस कीजिए दर्द माननीय @HemantSorenJMM जी।परिणाम निकलने में में दो-तीन दिन का विलम्ब हो जाने से नींद नही आती है। सफल अभ्यर्थी तो 3 वर्षों से इंतजार कर रहे हैं। आपका वादा था की सत्ता में आने के बाद नियुक्ति करेंगे । पर कब होगा नियुक्ति । “बदलो सरकार पाओ अधिकार – नियुक्ति 6 महीना के अंदर” इन्हीं नारों के साथ माननीय हेमंत सोरेन की सरकार झारखंड के युवाओं का दिल जीते सरकार बनी पर 4913 पंचायत सचिव अभ्यर्थी हम सब ठगा ठगा महसूस कर रहे हैं सरकार नियुक्ति नहीं करा रही है पर हमसब अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं परीक्षार्थियों का कहना है कि पूर्व महाधिवक्ता ने साफ शब्दों में कहा था कि पंचायत सचिव नियुक्ति पर कोई स्टे नहीं है।
Twitter के ज़रिए आंदोलन चलाया जा रहा है :
अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं पूर्व में माननीय मुख्यमंत्री साहब से भी मिले । कोरोना महामारी के इस समय में अभ्यर्थी Twitter के जरीए सरकार को विषय से अवगत करा रहे हैं। माननीय विधायक सीता सोरेन जी ने भी पत्र जारी करके आंदोलन को समर्थन दिए हैं । आज माननीय विधायक बंधु तिर्की जी से पंचायत सचिव बहाली का अंतिम मेधा सूची जारी न होने से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया।
अभ्यर्थी निहाल शर्मा, रमेश लाल उर्फ जोहार फाइनल फाईटर , गौरव सिंहा, नेहा प्रवीण , धर्मेंद्र पंडीत , अनुज कुशवाहा , सुमित अंदाजा , आलोक आनंद व अन्य का कहना है कि 22 जनवरी, 2020 को नियोजन नीति पर सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट ने भी मौखिक तौर पर कहा था कि पंचायत सचिव की नियुक्ति पर कोई स्टे नहीं है। विज्ञापन पर रोक नहीं लगाया गया है। साथ ही, 11 जिला पर कोई रोक नहीं है। फिर भी, सरकार और सरकारी सिस्टम 4913 पंचायत सचिव के भविष्य को दरकिनार कर रहा है।
‘छात्र उलगुलान पदयात्रा’ का भी कोई असर नही :
कुछ अभ्यर्थियों ने अंतिम मेघा सुची जल्द प्रकाशित कर नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूर्ण करने सम्बंधित अपनी मांगों को लेकर ‘छात्र उलगुलान पदयात्रा’ भी की थी ।जिसमें खूंटी के उलिहातु से लेकर साहेबगंज के भोगनाडीह तक के 506 किमी तक का सफर तय किया था। बावजूद इन प्रयासों के पीड़ित छात्र अभी तक ‘बेरोजगार’ का तमगा अपने माथे लिए दर बदर की ठोकरें खाने व जहालत झेलने को मजबूर हैं।
परीक्षार्थी बताते हैं कि इस विज्ञापन के बाद JSSC ने कई विज्ञापन निकाला और नियुक्ति भी हुई। आयोग पंचायत सचिव की परीक्षा का भले ही मेरिट लिस्ट नहीं निकाल रहा, लेकिन इसके बाद निकले कई विज्ञापनों के आधार पर नियुक्ति भी कर ली गई है। राजस्व कर्मचारी, दरोगा, आईआरबी, रेडियो ऑपरेटर और वायरलेस दरोगा की वेकेंसी, पंचायत सचिव के बाद निकाली। इन सबकी नियुक्ति भी हो गई। सब ज्वाइन कर सैलरी भी उठा रहे हैं, पर पंचायत सचिव की अंतिम मेधा सूची नहीं जारी हो रही है। इस पर कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है। छात्र महामारी के इस काल में लगातार आंदोलनरत हैं।
परीक्षार्थियों पर लाठियाँ बरसायी गई फिर भी नियुक्ति नही हुई :
परीक्षार्थी पंचायत सचिव परीक्षा की मेरिट लिस्ट जारी करने की मांग को लेकर 20 मार्च, 2020 को मुख्यमंत्री आवास घेरने निकले थे। मोरहाबादी से निकले छात्र जब एसएसपी आवास के पास पहुंचे, तब उन्हें रोकने का प्रयास हुआ। जब परीक्षार्थी नहीं रुके तो उनपर लाठियां चली जिसमें कुछ अभ्यार्थी गंभीर रूप से घायल भी हुए थे । खैर इन सबके बीच पंचायत सचीव की नियुक्ति कब होगी? अभ्यर्थियों की मांग है कि जल्द से जल्द नियुक्ति पूरा किया जाए।