आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार झा विगत 23 वर्षों से तकरीबन हर वर्ष कर रहे हैंरक्तदान
मानव सेवा की मिसाल" "रक्तदान जीवनदान"
रांची। भारतीय पुलिस सेवा 2001 बैच के अधिकारी सुधीर कुमार झा ने प्रशासनिक कार्यों का बखूबी निर्वहन करते हुए मानव सेवा की भी मिसाल पेश की है। उन्होंने अपराध नियंत्रण और विधि-व्यवस्था बेहतर बनाने की दिशा में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। इसके अलावा मानव सेवा के प्रति भी वे समर्पित भाव से जुटे रहते हैं। उन्होंने पश्चिम सिंहभूम, साहेबगंज, गढ़वा में एसपी के पद पर रहते हुए अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी कुशल कार्यशैली और ठोस रणनीति से नक्सली गतिविधियों पर काबू पाने में वे सफल रहे। उन्होंने एक तेजतर्रार और जांबाज पुलिस अधिकारी के रूप में खूब ख्याति अर्जित की।
श्री झा 31 जनवरी 2021 को जैप आईजी के पद से सेवानिवृत्त हुए। रिटायर होने के बाद वे सामाजिक कार्यों में पूर्व की अपेक्षा और अधिक बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगे हैं। उनका मानना है कि मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। रक्तदान जीवनदान के समान है। प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को समय-समय पर रक्तदान करना चाहिए। यही एक माध्यम है कि हम बिना भेदभाव के पीड़ित मानवता की सेवा में जुटे रहते हैं।
श्री झा ने बताया कि अपने जीवन में उन्होंने कितनी बार रक्तदान किया है, यह तो अच्छी तरह उन्हें स्मरण नहीं है, लेकिन वर्ष 1997 से लेकर 2020 तक रक्तदान करते रहे हैं। वे बताते हैं कि रक्तदान के बाद उन्हें सुखद अनुभूति होती है कि उनका रक्त किसी पीड़ित व्यक्ति की जान बचाने में सहायक हो सकता है। रक्तदान के लिए वे सदैव लोगों को प्रेरित भी करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि जब भी किसी को रक्त की आवश्यकता पड़ेगी और उन्हें रक्तदान करने का अवसर प्राप्त होगा, वे जरा भी नहीं हिचकेंगे।
सर्वधर्म समभाव की भावना से ओतप्रोत जांबाज पुलिस अधिकारी श्री झा सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया की अवधारणा को आत्मसात कर अपने जीवन पथ पर अग्रसर हैं। सेवानिवृत्ति के बाद समाज के लिए कुछ बेहतर कर सकें, समाज को सही दिशा दिखा सकें, इसके लिए वे सतत प्रयासरत हैं।