गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही केन्द्र सरकार : आदित्य विक्रम जायसवाल

गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही केन्द्र सरकार : आदित्य विक्रम जायसवाल

रांची। झारखंड प्रदेश प्रोफेशनल कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष आदित्य विक्रम जायसवाल ने पलामू कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमणकाल में झारखंड जैसे आदिवासी बहुल और गैर भाजपाशासित राज्य के साथ केन्द्र सरकार के पक्षपातपूर्ण रवैये के खिलाफ कांग्रेस पार्टी आवाज उठाने और चरणबद्ध आंदोलन के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और केंद्रीय उपक्रमों के पास झारखंड का करीब 75 हजार करोड़ रुपये का बकाया है, लेकिन केंद्र सरकार इस राशि को देने के बजाय संकट की इस घड़ी में झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों से ही गलत और अलोकतांत्रिक तरीके से अचानक 1417करोड़ रुपये आरबीआई के माध्यम से डीवीसी के बकाया राशि के रूप में वसूल लेती है। इतनी बड़ी राशि से कोरोना काल में संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक स्वास्थ्य उपकरण, पीपीई किट और अन्य जांच की व्यवस्था हो सकती थी, लोगों को रोजगार मुहैय्या कराया जा सकता था, अधूरी लटकी विकास परियोजनाओं को गति दी जा सकती थी, लेकिन आदिवासी विरोधी केंद्र सरकार के नकारात्मक और असहयोगात्मक रवैये के कारण झारखंड के समक्ष बड़ी मुश्किल घड़ी उत्पन हो गई है।
उन्होंने कहा कि डीवीसी की ओर से जिस 5417.50करोड़ रुपये बकाये की बात की जा रही है, वह सारा बकाया पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के समय का है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठित सरकार की ओर से अपने कार्यकाल का समय पर डीवीसी का बकाया का भुगतान किया गया है और मात्र 100 से 125 करोड़ का ही बकाया होगा, जिसका भुगतान भी राज्य सरकार की ओर से जल्द ही कर देने का भरोसा कराया गया है। लेकिन पिछले पांच वर्षां में भाजपा सरकार के शासन में डीवीसी का बकाया बढ़ता ही गया, इस बीच रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में 2017 में एक ऐसा द्विपक्षीय समझौता कर लिया गया, जिससे बकाया राशि राज्य सरकार के खाते से सीधे काट लिये जाने का प्रावधान शामिल कर लिया गया। लेकिन पांच सालों में डीवीसी का बकाया राशि बढ़ता ही गया, लेकिन इस दौरान एक बार भी बकाया राशि की कटौती नहीं की गयी, परंतु अब झारखंड में कांग्रेस-जेएमएम-आरजेडी के नेतृत्व में सरकार गठन होने से केंद्र सरकार द्वारा गैर भाजपा शासित राज्यों को परेशान करने तथा आर्थिक स्थिति को कमजोर करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि डीवीसी की ओर से जो 5417.50करोड़ रुपये बकाया का दावा किया जा रहा है, उस दावे पर भी राज्य के ऊर्जा विभाग द्वारा आपत्ति दर्ज करायी गयी है और बकाया करीब 3500 करोड़ रुपये का ही होने को लेकर सारे दस्तावेज के साथ विस्तृत जानकारी दी गयी।
श्री जायसवाल ने कहा कि सबसे आश्चर्य की बात यह है कि एक ओर केंद्र सरकार खुद कोरोना संकट की बात कह कर गैर भाजपा शासित राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के बकाया भुगतान देने से इंकार कर रही है, वहीं इस संकट की घड़ी में ही राज्य सरकार के खाते से सीधे राशि निकाल लेने का काम कर रही है। केंद्र सरकार के पास झारखंड सरकार का अभी 2982 करोड़ रुपये जीएसटी कंपनसेशन मद में बकाया है। वहीं 38600 करोड़ रुपये कोल इंडिया और सेल पर खान विभाग का बकाया है। इसके अलावा कोल कंपनियों पर भी भारी-भरकम लगान की राशि बकाया है।

उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों पर भी बकाया है, पर नहीं काटी गई राशि। तामिलनाडू, तेलंगाना, कर्नाटक, कश्मीर, आंध्रप्रदेश पर 60 हजार करोड़ से भी ज्यादा बकाया है।
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी सांसद प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राज्य की हलात की जानकारी दें एवं सभी प्रकार के बकाया राशि भुगतान करने का अनुरोध करें।
इस मौके पर पलामू जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बिट्टू पाठक ने कहा कि बेरमो और दुमका की जनता उपचुनाव में भाजपा नेताओं को इसका करारा जवाब देगी।
मौके पर पलामू जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बिट्टू पाठक पूर्व जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला, कैसर जावेद, विनोद तिवारी, सज्जाद खान, पप्पू अजहर, शमीम अहमद राइन, सुधीर चौबे, ईश्वरी सिंह, अजय पांडे, जितेंद्र कमलापुरी, अजय साहू, इमरान सिद्दीकी, रमजान खान,चतरू उरांव, चिंतामणि तिवारी, भिखारी राम, विनोद पाठक, रूद्र शुक्ला, मनोज अग्रवाल सहित अन्य मौजूद थे।