मदर्स इंटरनेशनल स्कूल को सीबीएसई से मिली प्लस टू की मान्यता
छात्रों का बेहतर भविष्य निर्माण मुख्य लक्ष्य : डॉ. रोमी झा

रांची। राजधानी के मांडर प्रखंड अंतर्गत ब्राम्बे के जाहेर ग्राम स्थित मदर्स इंटरनेशनल स्कूल को सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) द्वारा प्लस टू तक की शिक्षा के लिए मान्यता मिल गई है। इससे संबंधित पत्र सीबीएसई के डिप्टी सेक्रेटरी द्वारा 13 जून को मदर्स इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन को प्राप्त हुआ। इस संबंध में स्कूल की प्राचार्या व प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ.रोमी झा ने कहा कि सीबीएसई द्वारा विज्ञान, कला और वाणिज्य संकाय के पाठ्यक्रम हेतु मान्यता दी गई है। उन्होंने बताया कि रांची जिले के मांडर और बुढ़मू प्रखंड का यह पहला स्कूल है, जिसे सीबीएसई द्वारा प्लस टू की मान्यता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में 12वीं तक की शिक्षा की सुविधा उपलब्ध होने से इस क्षेत्र के छात्रों और अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी। अब प्लस टू की शिक्षा प्राप्त करने के लिए मांडर, बुढ़मू प्रखंड सहित आसपास के इलाकों के छात्रों को राजधानी व अन्य शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
वहीं, स्कूल के निदेशक अंबुज झा ने बताया कि रांची जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र जाहेर गांव में वर्ष 2014 में स्थापित मदर्स इंटरनेशनल स्कूल में पूर्व में नर्सरी से आठवीं कक्षा तक की शिक्षा की सुविधा थी। वर्ष 2017 में सीबीएसई द्वारा दसवीं कक्षा तक की मान्यता मिली। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों की प्रतिभा निखारने और गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने की दिशा में स्कूल सतत प्रयासरत है। कुशल और अनुभवी शिक्षकों की टीम द्वारा छात्रों के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है। तिलैया सैनिक स्कूल के पूर्ववर्ती छात्रों की टीम का मार्गदर्शन भी नियमित रूप से स्कूल के छात्रों को प्राप्त हो रहा है। इसमें रक्षा सेवा से रिटायर्ड अधिकारी (कर्नल) रंजन कुमार, (कर्नल) बी. मिश्रा, (कर्नल) समरजीत सिंह, (कर्नल)सुधीर कुमार, (कर्नल) एसएम कुमार, अमिटी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ.(प्रो.) आरके झा, स्कूल के निदेशक अंबुज झा और डायरेक्टर (एकेडमिक) एसके मिश्रा शामिल हैं। इन सबों द्वारा छात्रों को एसएसबी की कोचिंग दी जाती है। उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन का यह प्रयास है कि यहां से शिक्षा प्राप्त कर निकलने वाले छात्र एनडीए व इसके समकक्ष प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर अधिक संख्या में रक्षा सेवा में शामिल हों। इसी लक्ष्य को लेकर छात्रों को पठन-पाठन के अलावा विभिन्न प्रकार के आवश्यक प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं। श्री झा ने कहा कि स्कूल में प्रथम कक्षा से नवीं तक और ग्यारहवीं कक्षा में नामांकन की प्रक्रिया जारी है।