लखीबाग मोहल्ले के दाखिल खारिज में प्रशासन का सुस्ती रवैया :- राजीव कुमार कन्हैया

सरकार की करोड़ रुपए के राजस्व की क्षति होने के बावजूद भी इस दाखिल खारिज के मामले में प्रशासनिक उदासीनता है।

लखीबाग मोहल्ले के दाखिल खारिज में प्रशासन का सुस्ती रवैया :- राजीव कुमार कन्हैया

अमरेन्द्र कुमार सिंह

गया
मानपुर प्रखंड के लखीबाग मोहल्ला, मौजा- नौरंगा, थाना सं.-316 के अंतर्गत खाता सं.- 198, खेसरा सं.- 1068 एवं 1124 के दाखिल खारिज को लेकर सोमवार को लखीबाग विकास समिति की बैठक हुई, इस बैठक को संबोधित करते हुए जन अधिकार पार्टी (लों.) के प्रदेश प्रवक्ता वजीरगंज विधानसभा के प्रत्याशी नेता राजीव कुमार कन्हैया ने कहा कि अपर समाहर्ता गया कि आदेश पर मानपुर अंचल के द्वारा दाखिल खारिज को लेकर 750 आवेदन लोगों से लिए गए और लगातार लखीबाग विकास समिति के साथ इससे संबंधित पदाधिकारियों की बैठक होती रहे, अंतिम बैठक में अपर समाहर्ता गया के द्वारा आदेश दिया गया था कि होली के तुरंत बाद जिला अधिकारी के द्वारा बनाया गया कमेटी अपना निर्णय जिलाधिकारी को सौंप देगा लेकिन कई दिन बीत जाने के बावजूद भी अभी तक इस पर सकारात्मक कार्रवाई न होना प्रशासनिक निष्क्रियता को दर्शाता है । जब मानपुर अंचल से दाखिल खारिज हेतु लोगों का आवेदन लिया गया था तो लोगों में एक आशा जगी थी। श्री कन्हैया ने कहा कि सरकार की करोड़ रुपए के राजस्व की क्षति होने के बावजूद भी इस दाखिल खारिज के मामले में प्रशासनिक उदासीनता है, लखीबाग विकास समिति गया के जिलाधिकारी जिनके द्वारा इस संबंधित कमेटी बनाई गई थी उनसे हम लोग मांग करते हैं की अभिलंब वर्षों से लंबित दाखिल खारिज को जल्द-से-जल्द बहाल करने का आदेश दिया जाए नहीं तो लोकतंत्र में आम जनता अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए आंदोलन के माध्यम से अपनी बात को रखने का काम करेगा। इस अवसर पर धर्म शाही, राहुल कुमार, मुकेश नारायण, शैलेंद्र कुमार, मनोज कुमार, निरंजन कुमार, बृजेश कुमार इत्यादि अनेक लोग उपस्थित थे। बता दें कि लखीबाग विकास समिति के द्वारा लखीबाग संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 22 जनवरी को सिक्स लेन पुल पर अनिश्चितकालीन महाधरना प्रदर्शन किया गया था, जिसमें तमाम बुद्धिजीवियों एवं विभिन्न राजनीतिक दलों के इस घटना में शामिल हुए थे। मानपुर के अंचलाधिकारी और एलआरडीसी लिखित आदेश पर उन्होंने स्पष्ट कहा था कि दाखिल खारिज से संबंधित 29 जनवरी को बैठक निर्धारित किया गया है जिसमें इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा, लेकिन प्रशासन की सुस्ती रवैया से अभीतक तारीख-पर-तारीख ही दिया जा रहे हैं, जहां हजारों घर की बस्ती है, और लगान रसीद ना कटे ऐसे में लोगों का समय और सरकार का करोड़ों का राजस्व दोनों का नुकसान है। जिला समाहरणालय अपर समाहर्ता में भी कई बार बैठक हो चुकी है लेकिन सकारात्मक पहल अभी तक नहीं आया है।