शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के कौशल विकास के लिए भी कृत-संकल्प है ट्रिपल आईटी : प्रो. विष्णु प्रिये

नये परिसर का निर्माण दिसंबर 2022 तक होगा पूरा

शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के कौशल विकास के लिए भी कृत-संकल्प है ट्रिपल आईटी : प्रो. विष्णु प्रिये

रांची। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के कौशल विकास के प्रति भी विशेष ध्यान दिया जाना वर्तमान समय की मांग है। देश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़े, इसके लिए शोध व अनुसंधान विकास पर भी ध्यान देना जरूरी है। उक्त बातें भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, रांची( ट्रिपल आईटी) के संस्थापक निदेशक प्रोफेसर विष्णु प्रिये ने कही। प्रो.प्रिये सोमवार को नामकुम स्थित ट्रिपल आईटी के सभागार में प्रेस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तकनीकी के क्षेत्र में विकास के लिए छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने इंडस्ट्री ओरिएंटेड प्रोग्राम संचालित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ट्रिपल आईटी, रांची का मुख्य उद्देश्य उच्च तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना और रिसर्च एंड डेवलपमेंट को प्रोत्साहित करना है, ताकि छात्रों में डिग्री के साथ-साथ कौशल क्षमता भी विकसित हो और छात्र राज्य व देश का नाम रौशन करें।
उन्होंने कहा कि भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, रांची, पीपीपी मॉडल के तहत स्थापित किए गए 19 भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक अग्रणी तकनीकी संस्थान है। यहां कार्यरत प्रतिभाशाली संकाय सदस्यों, समर्पित अधिकारियों, प्रतिबद्ध कर्मचारियों एवं 460 से अधिक मेधावी छात्र-छात्राओं के सामुहिक प्रयासों,समर्पण एवं कार्यकुशलता से यह संस्थान शिक्षा, अनुसंधान एवं संसाधन निर्माण के क्षेत्र में निरंतर उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। उन्होंने बताया कि देश के प्रख्यात उद्योगपति एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी अरुण जैन को ट्रिपल आईटी रांची की शासी परिषद का अध्यक्ष चुने जाने के बाद यह संस्थान तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्टता के नए मापदंडों को तय करने की ओर भी अग्रसर है। उन्होंने कहा कि ट्रिपल आईटी, रांची में भारत सरकार का 50 प्रतिशत, झारखंड सरकार का 35 प्रतिशत, सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड 5 प्रतिशत, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज पांच प्रतिशत और टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की पांच प्रतिशत सहभागिता है। उन्होंने बताया कि ट्रिपल आईटी,रांची ने झारखंड सरकार के तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग के सहयोग से 31 अगस्त 2019 को एनआईटी,जमशेदपुर से नामकुम रांची में स्थित झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में स्थानांतरित होने के पश्चात अस्थाई परिसर में शैक्षणिक संरचना एवं प्रयोगशालाओं की स्थापना कर छात्रों के भविष्य निर्माण की दिशा में प्रयासरत है। प्रोफेसर प्रिये ने बताया कि राजधानी रांची के कांके प्रखंड स्थित सांगा गांव में झारखंड सरकार द्वारा आवंटित 66 एकड़ भूमि पर स्थायी परिसर निर्माणाधीन है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दिसंबर 2022 तक संस्थान को नया परिसर प्राप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अब तक 30 प्रतिशत छात्र नौकरियां एवं इंटर्नशिप पा चुके हैं जिसमें अधिकतम पैकेज 20लाख रुपए सालाना का रहा है। प्लेसमेंट का यह सत्र जून 2021 तक चलेगा। गत वर्ष ट्रिपल आईटीडीएम, जबलपुर द्वारा आयोजित की गई ऑल इंडिया ट्रिपल आईटी स्पोर्ट्स मीट में ट्रिपल आईटी रांची के छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर छह स्वर्ण 14 रजत और 11 कांस्य पदक के साथ जीत का परचम लहराया। उन्होंने बताया कि ट्रिपल आईटी, रांची अपनी तरह का एक मात्र ऐसा संस्थान है, जो राज्य और देश के छात्रों को उद्योग उन्मुख कौशल प्रदान करने और उन्हें सूचना एवं संचार, प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए एक मिशन के साथ अग्रसर है। उन्नत भारत अभियान के तहत संस्थान अपने स्थाई परिसर के निकट के पांच ग्रामीणों को गोद लेगा और सामुदायिक विकास कार्यक्रम के तहत ग्राम वासियों की शिक्षा सुविधा, कौशल विकास, रोजगार एवं सामाजिक उत्थान के लिए हर संभव प्रयास करेगा। प्रेस वार्ता में डॉ. शशिकांत शर्मा, डॉ. संतोष कुमार महतो, डॉ. जितेंद्र कुमार,डॉ. अख्तर, डॉ. जयदीप, डॉ. धनंजय आचार्य, सीपीडब्ल्यू के मुख्य अभियंता एमपी सिंह, पीआरओ कुमार श्रीकांत नायक सहित अन्य मौजूद थे।