जीबीएम कॉलेज में विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
जीबीएम कॉलेज में विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

गया जी। गौतम बुद्ध महिला कॉलेज में एनएसएस इकाई, सेहत केन्द्र एवं विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी के संयुक्त तत्वावधान में प्रधानाचार्या डॉ. सीमा पटेल की अध्यक्षता में 11 सितंबर को मनाये जाने वाले विश्व बंधुत्व दिवस के तहत भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। निर्दिष्ट विषय "विश्व बंधुत्व में आज का भारत" पर प्रतिभागी के रूप में छात्रा रिमझिम कुमारी, गीतांजलि, सिमरन कुमारी, साधना, नैना कुमारी, शिवानी सिंह, लक्ष्मी कुमारी, कोमल कुमारी एवं प्रियंका कुमारी ने अपने विचार रखे। निर्णायक मंडल के सदस्यों में विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी गया जी के विभाग संचालक एवं मिर्ज़ा ग़ालिब कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो. अरुण कुमार प्रसाद व नगर संचालक संजय किशोर, जीबीएम कॉलेज की अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ प्यारे माँझी थे। कार्यक्रम का संयोजन एनएसएस पदाधिकारी एवं सेहत केन्द्र की नोडल अधिकारी डॉ प्रियंका कुमारी ने तथा संचालन विवेकानन्द केन्द्र के निरंजन बोरो ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो प्रसाद ने महर्षि पतंजलि, बाबा रामदेव, योग की महत्ता, स्वामी विवेकानन्द के सिद्धांतों एवं कृत्यों पर प्रकाश डाला। योग को शांति का स्रोत ठहराते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों में विचलित न होना भी योग है। प्रधानाचार्य डॉ सीमा पटेल ने योग के माध्यम से पूरे विश्व को एकसूत्र में बांधे जाने की बात कही। ध्यान की महत्ता एवं विश्व बंधुत्व पर अपने विचारोद्गार में कहा कि जब हम ध्यान करते हैं, तो हम अपने शरीर, मन एवं आत्मा के प्रति सजग हो जाते हैं, और तत्पश्चात वह सजगता ही हमें ब्रह्मांड के प्रति दायित्व बोध से भर डालती है। संजय किशोर ने कहा कि युवाओं को स्वामी विवेकानन्द के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। धन्यवाद ज्ञापन दर्शनशास्त्र विभाग की डॉ जया चौधरी ने किया।
कॉलेज की पीआरओ डॉ रश्मि ने बताया कि कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्राओं में रचनात्मकता, वाक्-कौशल एवं विश्व बंधुत्व की भावनाओं को बढ़ावा देना था। विवेकानंद केन्द्र द्वारा प्रतिवर्ष 11 सितंबर को विश्व बंधुत्व दिवस मनाया जाता है क्योंकि 11 सितंबर, 1893 को ही शिकागो में स्वामी विवेकानन्द ने अपने ऐतिहासिक भाषण द्वारा भारतीय संस्कृति एवं मेधा का परचम लहरा समस्त विश्व को अचंभित कर डाला था। प्रतियोगिता में छात्राओं ने बढ़चढ़कर भाग लिया। डॉ प्रियंका ने घोषणा की कि प्रतियोगिता का परिणाम कल घोषित किया जायेगा तथा सभी विजेताओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान करके पुरस्कृत भी किया जायेगा। कार्यक्रम में नैक समन्वयक डॉ शगुफ्ता अंसारी, मीनाक्षी सेठ, डॉ अनामिका कुमारी, डॉ कृति सिंह आनंद, डॉ नगमा शादाब, प्रीति शेखर, डॉ अमृता घोष, डॉ रुखसाना परवीन, डॉ फरहीन वज़ीरी, डॉ सुरबाला कृष्णा, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ शुचि सिन्हा, डॉ सीता, डॉ विजेता लाल, डॉ फातिमा, डॉ दीपिका, डॉ नुद्रतुन निसां, डॉ आशुतोष कुमार पांडेय आदि की उपस्थिति रही।