अपने अपने आईएमएफ

पाकिस्तान आईएमएफ से लगातार लोन लेता रहता है। मांगना बुरी बात नहीं है, पर मांगते रहना बहुत बुरी बात है।

अपने अपने आईएमएफ

आलोक पुराणिक:

आईएमएफ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष वह संस्थान है, जहां से हर मुसीबतजदा देश को लोन मिलता है। भारत ने भी यहां से लोन लिया है, पर अब भारत लोन लेने की नहीं देने की पोजीशन में है। पाकिस्तान आईएमएफ से लगातार लोन लेता रहता है। मांगना बुरी बात नहीं है, पर मांगते रहना बहुत बुरी बात है। पाकिस्तान इस लेवल का इंटरनेशनल भिखारी है, वहां मांगने को प्रोफेशनल काम समझा जाता है, और भीख को मानवाधिकार समझा जाता है। पाकिस्तान एक्सपर्ट इस बात पर नाराज होते हैं कि आईएमएफ लोन क्यों नहीं देता, जल्दी जल्दी।

जिस मुल्क में भीख को मानवाधिकार का दर्जा हासिल हो जाये, वह मुल्क पाकिस्तान की गति को प्राप्त हो जाता है। भीख चालू है, पर पाकिस्तानी नेता बहुत ज्यादा चालू हैं। इंटनेशनल भीख लाते हैं-डालरों में पाकिस्तानी नेता और यह रकम चली जाती है स्विस खातों में। डालर आईएमएफ से स्विस बैंकों का सफर तय करते हैं और पब्लिक बदहाली का सफर तय किये जा रही है।

हरेक के अपने अपने आईएमएफ हैं, पतियों के आईएमएफ के तौर पर कई पत्नियां काम करती हैं। पति हर तरफ से निराश परेशान हो जाते हैं, तो पत्नियां अपनी रसोई के डिब्बों से लेकर, अलमारी की दराजों से कुछ रकम ले आती हैं। पर मसला यह है कि एकाध बार इस तरह की समस्या आये तो आईएमएफ मदद के लिए आता है। अगर समस्या लगातार आये,तो आईएमएफ समझ जाता है कि भीख मांगना इस मुल्क के लिए समस्या नहीं है,बल्कि आदत या कहिये प्रोफेशन है। तो शिक्षा यह मिलती है इस कहानी से कि मांगने से गुरेज नहीं करना चाहिए,पर लगातार मांगने से परहेज होना चाहिए, वरना इंसान की औकात पाकिस्तान वाली हो जाती है, जिसके प्रधानमंत्री खुद बताते हैं कि उनका फोन ना उठाता है कोई, कुछ न कुछ मांगेगा ही।

तो समझने की बात यह है कि मांगने से इज्जत कम हो जाती है भले ही आप खुद पीएम क्यों ना हों।

कई ऊंचे कलाकार होते हैं,जो लोन लेनेवालों को भी ठग लेने की हिम्मत रखते हैं, विजय माल्या की कसम। आईएमएफ वालों से पाकिस्तान वाले परेशान रहते हैं कि लोन नहीं देते। कभी आईएमएफ वाले विजय माल्या के हत्थे चढ़ जायें तो फिर आईएमएफ वालों के होश ठिकाने आ जायेंगे। आईएमएफ वालों के खजाने खाली हो जायेंगे और आईएमएफ वाले चिरौरी कर रहे होंगे विजय माल्या की-दे दीजिये वापस प्लीज रकम वापस दे दीजिय़े। अभी आईएमएफ वाले सिर्फ देशों को उधार देते हैं, व्यक्तियों को नहीं। पाकिस्तान सरकार को यूं करना चाहिए कि पाकिस्तान के वित्तमंत्री के तौर पर विजय माल्या को नियुक्त कर देना चाहिए। फिर आईएमएफ वाले यह शिकायत करेंगे कि पाकिस्तान के वित्तमंत्री फोन ही ना उठाते हमारा, कैसे वापस वसूलें अपनी रकम।

भारतीय प्रतिभा सिर्फ साफ्टवेयर के क्षेत्र में ही झंडे नहीं गाड़ रहे हैं, विजय माल्या भी भारतीय प्रतिभा ही हैं। विश्व बैंक के अध्यक्ष के तौर पर हाल में एक भारतीय ने ज्वाइन किया है। बस प्रार्थना की जानी चाहिए कि इनसे कभी विजय माल्या की मुलाकात न हो।

आईएमएफ की जरुरत किसी को ना पड़े,इससे बेहतर बात नहीं हो सकती। और आईएमएफ की जरुरत लगातार पड़ती रहे, इससे बदतर बात कोई और ना हो सकती। नयी पीढ़ी को यह बात जरुर समझनी चाहिए जिनके क्रेडिट कार्ड उनके जीवन के आधार कार्ड हो गये हैं।