समुद्र पर बना देश का सबसे बड़ा पुल, 5 देशों के 600 इंजीनियरों ने किया कमाल

समुद्र की लहरों को चीर कर देश का सबसे बड़ा पुल बनाया गया है।वाहनों को गिरने से बचाएगी नई तकनीक से तैयार सुरक्षा दीवार।

समुद्र पर बना देश का सबसे बड़ा पुल, 5 देशों के 600 इंजीनियरों ने किया कमाल

भारत के मुंबई में समुद्र की उफनती लहरों के ऊपर देश का सबसे बड़ा पुल बनकर तैयार है। 22 किलोमीटर लंबा यह पुल तकनीकी रूप से काफ़ी मज़बूत और आकर्षक है। समुद्र पर भारत का सबसे बड़ा यह ब्रिज विश्व में समुद्र पर बनाया गया दसवाँ सबसे बड़ा पुल होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) परियोजना का ढांचा तैयार हो चुका है। परियोजना के तहत समुद्र की लहरों को चीर कर देश का सबसे बड़ा पुल बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट में 600 इंजीनियरों ने अपने अनुभव और कौशल का योगदान दिया है।

ग़ौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2018 में ही मुंबई के शिवड़ी से न्हावासेवा के बीच 22 किलोमीटर लंबे इस पुल के निर्माण की आधारशिला रखी थी। छह लेन के इस पुल के निर्माण में 17,843 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के अधिकारी इसे अद्भुत इंजीनियरिंग का चमत्कार बताते हैं। एमएमआरडीए के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एमटीएचएल प्रोजेक्ट में 7500 श्रमिकों और करीब 600 इंजीनियर प्रतिदिन काम कर रहे हैं। वहीं 5 देशों के इंजीनियरों ने भी इसमें अपना योगदान दिया है।

पुल में लगे तार से पृथ्वी को चार बार लपेटा जा सकता है
पुल बनाने में 1.70 लाख मीट्रिक टन स्टील बार का उपयोग किया गया है, जिससे 17 एफिल टॉवर बनाए जा सकते हैं। पृथ्वी के व्यास का चार गुना यानि 48 हजार किलोमीटर लंबे प्रीस्ट्रेसिंग तार और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को बनाने में लगे कंक्रीट का छह गुना (9.75 लाख क्यूबिक मीटर) कंक्रीट लगा है।

चंद घंटे में तय होगी लंबी दूरी, दिसंबर से रफ्तार भरे सकेंगे वाहन
एमएमआरडीए के आयुक्त एसवीआर श्रीनिवास का कहना है कि एमटीएचएल भारत के भविष्य को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसका लाभ सिर्फ मुंबई और नवी मुंबई को नहीं मिलेगा, बल्कि यह मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे, मुंबई-गोवा नेशनल हाईवे से भी जुड़ेगा। यात्रा में लगभग एक घंटे की कमी आयेगी और ईंधन तथा ट्रांसपोर्ट खर्चे में भी कमी आएगी।पुल पर दिसंबर महीने से वाहन रफ्तार भर सकेंगे।