बाईपास सर्जरी का बेहतर विकल्प रोटाप्रो तकनीक से चिकित्सा अब राज अस्पताल में उपलब्ध

झारखंड में पहली बार की गई रोटाप्रो तकनीक से एंजिलोप्लास्टी: डॉ.राजेश झा

बाईपास सर्जरी का बेहतर विकल्प रोटाप्रो तकनीक से चिकित्सा अब राज अस्पताल में उपलब्ध

बाय-पास हार्ट सर्जरी का विकल्प (रोटाप्रो तकनीक) झारखंड की राजधानी राँची के राज अस्पताल में उपलब्ध है। 60 वर्षीय एक सज्जन सीने में तेज दर्द की शिकायत लेकर रांची के राज अस्पताल में आये। उनकी एंजियोग्राफी उत्तर भारत के एक अस्पताल में की गई थी, जहां डॉक्टरों ने पाया था कि वह गंभीर कैल्सीफाइड ब्लॉकेज से पीड़ित थे और उन्हें बाईपास सर्जरी की सलाह दी गई थी। हालाँकि, मरीज का परिवार बीमारी के इलाज के लिए विकल्प तलाश रहा था।
राज अस्पताल के हृदय रोग विभाग के प्रमुख चिकित्सक डॉ. राजेश कुमार झा (एमडी, डीएम-कार्डियोलॉजी) ने अपने विशेषज्ञ कार्डियक टीम के साथ मरीज के सभी रिपोर्ट की समीक्षा की और रोगी के लिए रोटाप्रो तकनीक द्वारा एंजियोप्लास्टी का सुझाव दिया। मरीज और परिजनों की सहमति के बाद राज अस्पताल में यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई।
इस संबंध में राज अस्पताल के चिकित्सक डॉ.राजेश झा ने बताया कि रोटाप्रो एक उन्नत और विशेष तकनीक है, जिसमें कैल्सीफाइड ब्लॉकेज के कैल्शियम को डायमंड बर्र ड्रिलिंग की मदद से तोड़ा जाता है। इस प्रक्रिया का परिणाम उत्कृष्ट है, पारंपरिक एंजियोप्लास्टी की तुलना में सफलता का दर बेहतर है, और ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में जटिलताएं भी कम है। डॉ. झा ने कहा कि पहले आमतौर पर इस तरह के मामलों में सामान्यतः रोटाब्लेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब राज अस्पताल, रांची में हमने रोटाप्रो तकनीक का उपयोग करना शुरू कर दिया है। यह मरीजों के लिए आसान और सुरक्षित है और इसके बेहतर परिणाम है। पूरे झारखंड में पहली बार राज अस्पताल में रोटाप्रो तकनीक द्वारा एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक किया गया है।

राज अर्टेमिस हार्ट सेंटर में अब तक 2000 से अधिक एंजियोप्लास्टी और 500 अधिक पेसमेकर प्रत्यारोपण किए गए हैं। एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर इम्प्लांटेशन, वाल्वुलोप्लास्टी, जन्मजात डिवाइस क्लोजर जैसी प्रमुख हृदय प्रक्रियाएं नियमित रूप से केंद्र में की जाती हैं।
इस अवसर पर राज अस्पताल, रांची के सीईओ साहिल गंभीर ने कहा कि हमें गर्व है कि एक बार फिर राज अस्पताल के चिकित्सकों ने झारखंड में पहली बार एक अनूठी, जीवन रक्षक प्रक्रिया को अंजाम दिया है। हम राज्य में सर्वोत्तम चिकित्सा प्रौद्योगिकी और प्रगति लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।