झारखंड में मैटरनिटी सुविधाओं में सुधार

1.6 लाख नवजात शिशुओं की सुरक्षित डिलीवरी कराई गई

झारखंड में मैटरनिटी सुविधाओं में सुधार

रांची। फेडरेशन ऑफ आॅब्सट्रेटिक एंड गायनोकोलाॅजिकल सोसाइटी आॅफ इंडिया (एफओजीएसआई) की ओर से मातृत्व सेवाओं में सुधार की पहल की गई है। इसके तहत झारखंड में उत्कृष्ट मेटरनिटी सुविधाएं प्रदान की जा रही है। स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञों की संस्था की ओर से मान्यता फैसिलिटी के तहत अब तक झारखंड में 1.6 लाख से अधिक नवजात शिशुओं की सुरक्षित डिलीवरी कराई जा चुकी है। इस संबंध में मान्यता फैसिलिटीज के झारखंड में इनीशिएटिव लीडर डाॅ.एम कुजूर ने बताया कि क्वालिटी मेटरनिटी सर्विसेज के लिए मान्यता फैसिलिटी को एफओजीएसआई का सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। झारखंड में क्वालिटी मेटरनिटी केयर सुनिश्चित करने के लिए वर्चुअल ट्रेनिंग और असेसमेंट का मॉडल अपनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण हेल्थ केयर सिस्टम के सामने आए तमाम चुनौतियां के बीच आने वाले समय में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या में भारी बढ़ोतरी का अनुमान है। यूनिसेफ की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में महामारी के दौरान निकट भविष्य में दो करोड़ बच्चों के जन्म लेने की संभावना है। इस दौरान कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सेफ्टी प्रोटोकॉल के साथ अस्पतालों पर डिलीवरी के बढ़ते बोझ के चलते यह आवश्यक हो गया है कि भविष्य में उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।
इस संबंध में डॉ. सांत्वना ने बताया कि जब महामारी ने पूरी ताकत से हेल्थ केयर सिस्टम को प्रभावित किया है। ऐसे में मरीजों की प्रभावी और सुरक्षित देखभाल के लिए चिकित्सकों को नए कौशल से लैस करने की आवश्यकता है। ताकि महामारी फैलने के बाद चिकित्सा कर्मी अपने और मरीजों की सुरक्षा के लिए कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन कर सकें। उन्होंने बताया कि मान्यता ने न केवल संक्रमण से बचाव की पहल की है, बल्कि डॉक्टरों की गैरमौजूदगी में मरीजों की गंभीर स्थिति को कैसे संभाला जाए, इस दिशा में भी कदम बढ़ाया है। इस समय मान्यता झारखंड में दस आकांक्षी जिलों में गुणवत्तापूर्ण मातृत्व सुविधाओं को बढ़ावा दे रही है। झारखंड में 73 स्वास्थ्य केंद्रों पर इस पहल के तहत जच्चा-बच्चा की सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। आकांक्षी जिलों में जुड़ी सुविधाओं को गुणवत्तापूर्ण और बेहतरीन बनाने के समाज के सभी वर्गों से जुड़ी महिलाओं को मातृत्व की अवधि का सम्मानपूर्ण देखभाल मिलना सुनिश्चित होगा। डॉक्टर सांत्वना ने बताया कि आकांक्षी जिलों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के अलावा राज्य के 120 से ज्यादा मेटरनिटी अस्पताल और नर्सिंग होम के स्वास्थ्य कर्मियों को मान्यता की ओर से प्रशिक्षण दिया गया है।