नारी शक्ति सेना (गुलाबी गैंग) का मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय

नारी शक्ति सेना (गुलाबी गैंग) का मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय

रांची। नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और महिला हितों के संरक्षण के लिए संघर्षरत स्वयंसेवी संस्था “नारी शक्ति सेना” (गुलाबी गैंग) ने अब मानव तस्करी के खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। संस्था की संयोजक रानी कुमारी ने इस संबंध में बताया कि झारखंड में मानव तस्करी की घटनाओं में वृद्धि चिंतनीय है। इसके विरुद्ध सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर लगातार अभियान चलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि झारखंड की युवतियां मानव तस्करों के चंगुल में फंसकर अपना भविष्य खराब कर लेती है। मानव तस्करी की शिकार होकर उन्हें उत्पीड़न झेलने को विवश होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार मानव तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए अपने स्तर से प्रयासरत रहती है। बावजूद इसके मानव तस्करी का धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस दिशा में गैर सरकारी स्तर पर स्वयंसेवी संगठनों को भी आगे आने की आवश्यकता है। साथ ही विशेषकर सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाने और युवतियों के रोजगार सृजन के संबंध में भी प्रयास किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह, डायन-बिसाही जैसी तमाम कुरीतियों के खिलाफ नारी शक्ति सेना गुलाबी गैंग जागरूकता अभियान चला रही है।
राजधानी के हेहल स्थित सुंदर नगर में गुलाबी गैंग की संयोजक व लोकप्रिय सामाजिक कार्यकर्ता रानी कुमारी के नेतृत्व में शुक्रवार को हुई बैठक में इससे संबंधित निर्णय लिया गया। बैठक में यह तय हुआ कि गुलाबी गैंग से जुड़ी महिलाएं संगठन का विस्तार आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी करेंगी। साथ ही काफी संख्या में युवतियों को इस मुहिम से जुड़ने का आह्वान करेंगी। रानी कुमारी ने कहा कि मानव तस्करी या खरीद-फरोख्त पर प्रभावी रोकथाम के उद्देश्य से अब गुलाबी गैंग अन्य सामाजिक संगठनों से भी सहयोग लेकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी। झारखंड में डायन-बिसाही कुप्रथा, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और बाल विवाह जैसी तमाम कुरीतियों के विरुद्ध व्यापक स्तर पर संघर्ष छेड़ने की आवश्यकता है। इस दिशा में गुलाबी गैंग से जुड़ी महिलाओं ने नए साल में नए संकल्प के साथ महिला हित, समाज हित व राष्ट्र हित में काम करने का निर्णय लिया है। रानी कुमारी ने बताया कि उनका उद्देश्य खासकर ग्रामीण युवतियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ कर लैंगिक समानता का अधिकार दिलाना है। साथ ही मानव तस्करी के विरुद्ध लगातार अभियान जारी रखते हुए झारखंड की युवतियों को समुचित सम्मान दिलाना है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण परिवेश में आज भी लड़कियों को लड़कों के समान नहीं माना जाता है। वहीं, गरीबी के कारण कई अभिभावक कम उम्र में ही अपने बेटियों की शादी करने को विवश होते हैं। कई युवतियों के अभिभावक दलालों के चंगुल में फंसकर बेटियों का सौदा तय कर देते हैं। इसके बाद आए दिन लड़कियों के शोषण उत्पीड़न की घटनाएं सामने आती हैं। इसकी रोकथाम के लिए गुलाबी गैंग ने अभियान चलाने का निर्णय लिया है। वहीं, मानव तस्करी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए गुलाबी गैंग की ओर से ठोस रणनीति बनाई जाएगी। इसमें पुलिस-प्रशासन का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए संगठन का विस्तार किया जा रहा है। गुलाबी गैंग से अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ने की योजना है। उन्होंने बताया कि कुप्रथाओं के खिलाफ व्यापक तौर पर मुहिम चलाने की दिशा में संगठन निरंतर संघर्षरत है। इसके लिए समाज के प्रति समर्पित और जुझारू महिलाओं (युवतियों) को गुलाबी गैंग का सदस्य बनाया जा रहा है। उनका मानना है कि संगठन को मजबूत करने से ही समाज भी सशक्त होगा और सामाजिक नवनिर्माण की दिशा में सकारात्मक परिणाम सामने आएगा।
बैठक में मुन्नी देवी, शारदा देवी, सोनी देवी, गायत्री देवी, लक्ष्मी देवी, सुनीता देवी सहित काफी संख्या में गुलाबी गैंग की सदस्य मौजूद थीं।