बिहार पंचायत चुनाव 2021: हर बार से अलग है इस बार का चुनाव
पहली बार EVM व बैलेट दोनों माध्यम से होगा मतदान, ऑनलाइन भी होगा नामांकन साथ ही चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों को कोरोना टीका लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
सुनील सौरभ:
बिहार पंचायत चुनाव 2021 ,अब तक पूर्व में हुए सभी चुनाव से हटकर और अलग होगा। बहुत कुछ पहली बार आजमाया जा रहा है तो कुछ पुरानी व्यवस्था को भी साथ रखा गया है।कोरोना के कारण चार -पांच महीने तक टलने के बाद बिहार के 38 जिलों के 534 प्रखंडों के 8386 पंचायतों में 11 चरणों में चुनाव हो रहा है।
कोरोना ने हर व्यक्ति के लाइफस्टाइल (जीवन शैली) को बदल दिया है। सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों में भी कामकाज करने के तरीके बदल गए हैं। इसी बदले तरीके में बिहार में पंचायत चुनाव हो रहा है। चुनाव लड़ने के लिए कोरोना टीका अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन भी कर सकेंगे, लेकिन दूसरे दिन नामांकन पत्र की हार्ड कॉपी जमा करनी होगी। बिहार में पहली बार पंचायत चुनाव में EVM और बैलेट बॉक्स दोनों का उपयोग मतदान के लिए किया जा रहा है।
आशा कार्यकर्ता व जन वितरण प्रणाली के दुकानदार लड़ सकेंगे चुनाव
24 सितंबर 2021 से लेकर 12 दिसंबर 2021 तक 11 चरणों 6 पदों के लिए होने वाले चुनाव में इस बार आशा कार्यकर्ता और जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को भी चुनाव लड़ने की छूट दी गई है। पूर्व में इस्तीफा देकर इन दोनों को चुनाव लड़ने पड़ते थे।जबकि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका न तो चुनाव लड़ सकते हैं और न ही किसी उम्मीदवार का प्रस्तावक बन सकते हैं।
इस बार के चुनाव में मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए ईवीएम से मतदान होगा। जबकि सरपंच और पंच के लिए बैलेट पत्र से मतपेटिका के माध्यम से मतदान होगा। पूरे बिहार में करीब ढाई लाख बैलेट बॉक्स का इस्तेमाल होगा । पूरे राज्य में पंचायत चुनाव के लिए कुल 11,3891 बूथ बनाये गए हैं।पंचायत चुनाव के लिए राज्य के सभी पंचायत भवन के अलावा कुल 45250 गांवों में इंटरनेट के लिए वाई फाई सुविधा मतदान के दौरान बहाल की जाएगी।
बिहार के 38 जिले के 534 प्रखंडों में मुखिया के 8072, वार्ड सदस्य के 1,13, 307 , पंचायत समिति सदस्य के 1,1107,सरपंच के 8072, कचहरी पंच के 1,13307 तथा जिला परिषद सदस्य के 1160 पदों पर चुनाव होने है।